देहरादून। श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी इन दिनों आर्थिक तंगी का शिकार हो रहे हैं। वजह, कर्मचारियों को नवम्बर का वेतन अभी तक नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कर्मचारियों को नवम्बर माह का वेतन देने से ही साफ इन्कार कर दिया है। वेतन न मिलने से मेडिकल कॉलेज के करीब 600 कर्मचारी परेशानी झेलने को मजबूर हैं।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज के करीब 600 टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का नवम्बर माह का वेतन जो करीब 1.25 करोड़ प्रतिमाह है, कर्मचारियों को देने से साफ इन्कर दिया है। सुभारती प्रशासन को सात दिसम्बर से पहले का वेतन देने का जो आदेश दिया है, उसमें यह स्पष्ट नहीं किया है कि सुभारती प्रशासन वेतन कैसे देगा। क्योंकि, सुभारती मेडिकल कॉलेज के बैंक खाते तो सरकार द्वारा सील कर दिए गए है। सवाल यह है कि झगड़ा सुभारती मेडिकल कॉलेज और सरकार का है। इस झगड़े में कर्मचारियों को क्यों पीसा जा रहा है। जब सुभारती मेडिकल कॉलेज के खाते में वेतन मद में धन सुरक्षित है, तो अकाउंट से वेतन निकालने की अनुमति देने में सरकार को या दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को आखिर क्या दिक्कत है। सरकार और दून मेडिकल कॉलेज के फैसले के बीच कर्मचारी ही नहीं बल्कि उनके परिवार भी पिसने को मजबूर हैं।
पत्र लिखकर किया आग्रह
मामले में श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने दून मेडिकल के प्राचार्य को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सुभारती मेडिकल कॉलेज के खाते की संचालन की अनुमति उन्हें प्रदान की जाए ताकि स्टाफ का वेतन अविलंब दिया जा सके, लेकिन अभी तक प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज द्वारा प्राचार्य सुभारती मेडिकल कॉलेज के खाते संचालित करने कि अनुमति नहीं दी गई। ऐसे में सरकारी आदेश और प्रशासनिक लेटलतीफी के चलते श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज का स्टाफ आर्थिक तंगी से जूझने को मजबूर है।