जम्मू के पुलवामा में शनिवार को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद देहरादून निवासी मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह उनके निवास डंगवाल मार्ग पर अंतिम दर्शन को रखा गया। शहीद की पत्नी निकिता, मां, दादी और बहनों का रो-रो कर बुरा हाल। इस दौरान शहीद की पत्नी ने कहा जयहिंद। साथ ही पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया। बोली आई लव यू विभू। पत्नी ने खुद शवयात्रा की अगुआई की। शहीद की पत्नी ने कहा कि जो चले गए उनसे कुछ सीखें, दुनिया में जो शहादत देते हैं, उनसे सीखना चाहिए। देश के लिए काम करने के बहुत सारे फील्ड हैं, ईमानदारी से काम करें।
33 वर्षीय विभूति शंकर ढौंडियाल, देहरादून के सेंट जोसेफ एकेडमी के पूर्व छात्र और आर्मी मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट के स्कूल सीनीयर थे, जो बीते 16 फरवरी को आईईडी ब्लास्ट में शहीद हो गए थे।
विभूति शंकर ने दो साल पहले दिल्ली की निकिता के साथ प्रेम विवाह हुआ था। नैशविला रोड पर डंगवाल निवासी, मेजर ने अपनी तीन विवाहित बहनों, बीमार दादी, उनकी मां, जो हृदय रोग और उनकी पत्नी निकिता हैं, को पीछे छोड़ दिया हैं। साल 2012 में मेजर विभूति के पिता स्वर्गीय ओम प्रकाश ढौंडियाल का निधन हो गया था।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधानसभा अद्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल समेत कई मंत्री, विधायक, सेना, शासन प्रशासन के आला अधिकारी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को अश्रुपूरित आंखों से अंतिम विदाई दी। कहा ये देश सदैव हमारे शहीदों का ऋणी रहेगा। सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान हजारों का जन सैलाब उमड़ा। लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए। लोग भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। शहीद विभूति अमर रहे के नारे भी लग गए। इसके बाद शहीद की अंतिम यात्रा हरिद्वार के लिए प्रस्थान कर गई।
खबरों के मुताबिक, रात भर चली मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए, जिनमें से एक पुलवामा हमले के पीछे का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।