अगले साल जुलाई तक 20-25 करोड़ लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य: डॉ. हर्ष वर्धन

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डॉ. हर्ष वर्धन
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड के उपचार में प्लाज़्मा थेरेपी के उपचार, कोविड महामारी के मद्देनजर 2025 तक टीबी उन्मूलन जैसे विषयों का विस्तारपूर्वक विवरण दिया। वैक्सीन वितरण को प्राथमिकता दिए जाने के सवाल पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस समय राज्यों के साथ एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसके अंतर्गत राज्य वैक्सीन प्राप्त करने प्राथमिकता जनसंख्या समूहों की सूची प्रस्तुत करेगा, विशेष रूप से कोविड-19 के प्रबंधन में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों की सूची।
– संडे संवाद के चौथे एपिसोड में बोले,  प्राथमिकता के आधार पर तैयार करें सूची सभी राज्य 
– स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए दी जाएगी प्राथमिकता 
अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों की सूची में सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर, नर्सें, अर्धचिकित्सा कर्मी, स्वच्छता कर्मचारी, आशा वर्कर, सर्विलांस अधिकारी और अन्य ऐसी पेशेवर श्रेणियां शामिल होंगी जो रोगियों की ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट में जुटी हैं। इस प्रक्रिया को अक्टूबर महीने के अंत तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है और राज्यों को कोल्ड चेन सुविधा और अन्य संबंधित ढांचे का विवरण देने के लिए मार्गदर्शन दिया जा रहा है। यह विवरण ब्लॉक स्तर तक का होना चाहिए। केन्द्र मानव संसाधन, प्रशिक्षण, निरीक्षण आदि में क्षमता निर्माण की योजना पर व्यापक पैमाने पर काम कर रहा है। जुलाई, 2021 तक लगभग 20-25 करोड़ लोगों को 400-500 मिलियन डोज़ कवर करने का अनुमान है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है, जो पूरी प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रही है।
वैक्सीन की खरीद केन्द्रीय स्तर पर की जा रही है और प्रत्येक खेप की डिलिवरी तक रीयल टाइम ट्रैकिंग की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खेप उन लोगों तक पहुंचे जिनकी इसकी अत्यंत आवश्यकता है। वैक्सीनेशन के बाद होने वाले उसके साइड इफेक्ट को सामान्य बताते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद साइड इफेक्ट में दर्द, मामूली बुखार और लाल हो जाना, उत्सुकता के कारण पल्स रेट बढ़ना, घबराहट आदि शामिल हैं। यह क्षणिक होते हैं और अपने आप समाप्त हो जाते हैं और वैक्सीन की बचाव कार्रवाई पर असर नहीं डालते।
वैक्सीन की सिंगल डोज़ या डबल डोज़ पर अपनी राय साझा करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने स्वीकार किया कि महामारी पर शीघ्र नियंत्रण के लिए यह अच्छा रहेगा कि सिंगल डोज़ वैक्सीन हो। उन्होंने यह भी कहा कि डबल डोज़ के वैक्सीन इसलिए उपयोगी हैं, क्योंकि पहले डोज़ में यह वांछित प्रतिरोधक क्षमता देते हैं और दूसरे डोज़ में इसे मजबूत बनाते हैं।  डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि तभी त्योहारों का आनंद लिया जा सकता है, जब हम स्वस्थ हों। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को देखना है कि वे पूजा-पंडाल की अनुमति दें या नहीं। महाराष्ट्र सरकार ने परामर्श जारी किया है कि नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया की अनुमति नहीं होगी।