ड्रोन कैमेरे रखेंगे उत्तराखण्ड के जंगलों की आग पर नज़र

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उत्तराखण्ड में बीते वर्ष की वनाग्नि(दावाग्नि)को देखते हर कॉर्बेट और आसपास के जंगलों को बचाने के लिए पहली बार ड्रोन कैमेरे की मदद ली जा रही है । वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इसका जायज़ा लिया। लगभग दो लाख हैक्टेयर वन क्षेत्र के संवेदनशील क्षेत्र में तीन ड्रोन से निरिक्षण का काम शुरू कर दिया गया है । मंत्री हरक सिंह रावत ने, नैनीताल में इस अत्याधुनिक ड्रोन को टेक ऑफ कराया जिससे वन क्षेत्रों को आग से बचाने की उम्मीद बड़ गई है । ड्रोन से जंगल की आग को मॉनिटर करने का ये देश में पहला प्रयास है ।

उत्तराखंड के जंगल अग्नि की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हैं। वन विभाग अपने पारंपरिक तरीके से तथा सैटेलाइट की मदद से वनाग्नि कि रोकथाम का प्रयास करता हैं। परंतु तराई-भाबर जैसे क्षेत्र के जंगलों में लगी आग का जल्द पता नहीं लग पाता । इसलिए जंगलों में आग पर निरंतर निगरानी रखने के लिए उत्तराखंड वन विभाग द्वारा देश में पहली बार ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा हैं । उत्तराखंड में अब तक 238 वनाग्नि की घटनाओं में 333.34 हैक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है ।

वन संरक्षक(फारेस्ट कंजर्वेटर)पराग मधुकर धकाते ने बताया की  ड्रोन के उपयोग से वनाग्नि की घटनाओं पर तत्काल नियंत्रित करने मे मदद मिलेगी। वनाग्नि की  ड्रोन मॉनिटरिंग के लिए तीन पायलटों को रखा गया है और इससे प्राप्त वीडियो को हल्द्वानी स्थित कंट्रोल रूम से भी मॉनिटर किया जाएगा । ये ड्रोन जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, रामनगर, कालाढूंगी, हल्द्वानी, खटीमा, सितारगंज, बनबसा और किच्छा समेत पहाड़ के कुछ संवेदनशील हिस्से का दिन रात निरीक्षण करेगा ।