नैनी झील, नैनीताल के गिरते जलस्तर से उपजी चिंता दूर करने के लिए हाई कोर्ट गंभीर हो गया है। कोर्ट ने अधिकारियों से झील के गिरते जलस्तर का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए, साथ ही जीएसआई व आइआइटी के विशेषज्ञों की राय लेने को कहा है।
नैनीताल निवासी अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर नैनीताल के सूखाताल में अतिक्रमण हटाने की मांग की थी। साथ ही कहा था कि सूखाताल में अतिक्रमण की वजह से नैनी झील का अस्तित्व खत्म हो रहा है। मंगलवार को इस मामले में मंडलायुक्त चंद्रशेखर भट्ट, डीएम दीपेंद्र चौधरी, प्राधिकरण सचिव श्रीश कुमार, पालिका ईओ रोहिताश शर्मा व अन्य कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने सूखाताल से शीघ्र मलबा हटाने तथा नैनी झील से मलबा हटाने में जेसीबी ना लगाने की हिदायत दी। साथ ही झील के गिरते जलस्तर तथा समस्या के समाधान के लिए विचार करने को कहा। डीएम ने कोर्ट को बताया कि वह इस मामले में कुमाऊं विवि के प्रो. एके शर्मा, प्रो. एसपी सिंह, प्रो जीएल साह, प्रो. शेखर पाठक, प्रो. अजय रावत आदि विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 14 जून नियत की गई है। उसी दिन अधिकारियों को भी कोर्ट में पेश होना होगा।