आपने कभी सुना है कि किसी पुलिसवाले ने अपने आप को पुलिस लाकअप में बंद कर लिया हो, वो भी खुद को बचाने के लिए। जी हां कुछ ऐसा ही हुआ बारलौगंज मसूरी में। लोगों का गुस्सा एक पुलिस वाले के उपर निकला और लगभग 100 लोग एक साथ पुलिसवाले को ढूंढने निकले, जिस से ङर कर पुलिसवाले ने अपने को लाॅकअप में बंद कर दिया। यह वाक्या है बारलौगंज, मसूरी का जहां नशे में धुत एक पुलिस वाले ने जिसका नाम बाक्सर है (र्स्पोटस कोटे से पुलिस में भर्ती लेने वाला) अपने दोस्त जो खुद को एसएचओ बता रहा था (देव शर्मा), के साथ मिलकर तीन लोगों को जमकर पीट दिया जिसमें एक महिला भी थी।
बारलौगंज में बारलो टी स्टाल के नाम से दुकान चलाने वाले 35 साल के महेंद्र सिंह मेलवान बताते हैं कि, ‘मैं अपने रेस्टोरंट के सामने खड़ा होकर फोन पर बात कर रहा था जब नशे में धुत नेगी ने पैसे के लिए मेरी जेब में हाथ डाला, और मुझसे कहने लगा कि मेरे पास जुऐं के कुछ पैसे पड़े होंगे क्योंकि इस क्षेत्र में जुआं खेलना आम बात है।जब मैनें उससे कहा कि मैं जुआं नहीं खेलता,उसने गुस्से में मेरे मुंह पर वार किया।’
इसके बाद दोनों ने मिलकर रेहित को मारा जो एटीएम मशीन से अपनी तनख्वाह निकाल रहा था। जब रोहित की 30 साल की आंटी ने नशे में धुत लोगों का विरोध किया तब दोनों ने उसे भी जमीन पर धकेल दिया और डंडे से मारने लग गए।बबिता बताती हैं कि मारते हुए पुलिस वाला बोल रहा था, ‘मैं दबंग हूं और हमें सबक सिखा कर रहेगा।’
सेंट मेरी अस्पताल के डा.टंडन ने तीनों घायलों और तरुण नेगी की प्राइमरी जांच की, उन्होंने बताया, ‘रोहित ने शराब पी रखी थी जबकि तरुण से शराब की महक आ रही थी।’
घायलों के फ्रेकचर और चोटों को इलाज हो चुका है।केस की जांच करने वाले मसूरी एस.एच.ऒ बीडी जुयाल कहते हैं, ‘गलती तरुण की है क्योंकि उसने बिना कारण लोगों को पीटा और मैनें अपनी रिर्पोट इसके आधार पर तैयार की हैं।’ दोषी पुलिसकर्मी का संसपेंशन लेटर शनिवार देर शाम तक आ गया था।