मुंबई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म और वेब सीरिज पर रोक लगाने के बाद चुनाव आयोग ने बंगाली भाषा की उस फिल्म के ट्रेलर पर रोक लगाने का फैसला किया है, जिसे प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जिंदगी पर आधारित माना जा रहा है।
बाघिनी नाम की इस बंगला फिल्म को लेकर जानकारी मिली है कि चुनाव आयोग ने तीन ऐसी वेबसाइट्स को नोटिस भेजा है, जहां इस फिल्म का ट्रेलर दिखाया गया। चुनाव आयोग का तर्क है कि इस ट्रेलर को सेंसर बोर्ड की अनुमति के बिना ही दिखाया जा रहा है, जो एक संगीन अपराध है। चुनाव आयोग की ओर से इस बाबत बंगाल के चुनाव आयोग कार्यालय से विस्तार से रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है। आयोग ने ये भी कहा है कि इस फिल्म को रिलीज करने की अनुमति देने से पहले उनकी टीम इसे देखेगी और फिर फैसला करेगी। चुनाव आयोग का ये कदम इसलिए अहम है, क्योंकि विगत दस अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी पर बनी विवेक ओबेराय की फिल्म की रिलीज पर रोक का फैसला करने के दौरान आयोग ने सभी तरह की बायोपिक फिल्मों और किसी भी किस्म की डाक्युमेंट्री तथा टीवी शो पर भी रोक लगाने की बात कही थी। दूसरी ओर, इस फिल्म की टीम के बाद अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस फिल्म के साथ किसी भी तरह का संबंध होने से साफ तौर पर इंकार किया है।
सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी ने इस फिल्म से उनके किसी भी तरह के संबंधों की बातों को बकवास बताया। ममता से पहले फिल्म के निर्माता पिंकी पॉल मंडोल और निर्देशक नेहाल दत्ता ने भी इसे ममता बनर्जी का बायोपिक मानने से मना कर दिया था, लेकिन इस फिल्म की कहानी को लेकर मिली जानकारी के अनुसार, ये फिल्म एक ऐसी साधारण युवती की कहानी को लेकर बनी है, जो राजनैतिक संघर्ष के बाद अपना दल बनाती है और राज्य का मुख्यमंत्री का पद पाने में सफल रहती है।
फिल्म में इस रोल को बंगाली अभिनेत्री रुमा चक्रबर्ती ने किया है। ये फिल्म आगामी तीन मई को रिलीज होने के लिए तैयार थी, लेकिन चुनाव आयोग के रुख को देखते हुए लगता है कि ये फिल्म भी चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक रिलीज नहीं होगी।