देहरादून। आर्थिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए इकोनॉमिक ऑफेंस विंग अब एसटीएफ के अधीन कार्य करेगा। फर्जी बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड प्रोटेक्शन ऑफ इंटेरेस्ट्स ऑफ डिपॉजिटर्स एक्ट (पीआईडी एक्ट)में जरूरी संशोधन किए जाएंगे। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए।
बुधवार को आयोजित बैठक में बताया गया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पीआईडी एक्ट के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। राज्य में अवैध रूप से 12 मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी कार्यरत हैं। इन्हें अपने सामान्य सदस्यों से धन जमा करने और बिना आरबीआई की अनुमति के बैंकिंग गतिविधि संचालित करने के लिए अधिकृत नही है। रजिस्ट्रार कॉपरेटिव सोसाइटीज द्वारा छानबीन करने पर इनके पते गलत पाए गए। तय किया गया कि इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जिन राज्यों में इनका मुख्यालय हो, वहां से गिरफ्तार किया जाय। इसके साथ ही सेंट्रल रजिस्ट्रार सोसाइटीज को भी इनका पंजीकरण रद्द करने के लिए लिखा जाएगा। इस तरह की आर्थिक अपराध करने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए अलग से सेशन जज की कोर्ट अधिसूचित करने के लिए हाइकोर्ट से अनुरोध किया जाएगा। भ्रामक विज्ञापन और फर्जी टोल फ्री नंबर पर भी रोक लगाने पर चर्चा हुई। आरबीआई ने जानकारी दी कि उत्तराखंड ग्रामीण मुस्लिम फण्ड ट्रस्ट, आराध्या कंज्यूमर सेल्स रिलायंस कोआपरेटिव बैंक, मानव जन कल्याण एवं जनहित संस्था, जनशक्ति मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी, धेनु एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, एवर ग्रीन मल्टी स्टेट मल्टी पर्पज को आप सोसाइटी राज्य में बिना आरबीआई की अनुमति के बैंकिंग गतिविधियां चला रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है। बैठक में प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी, प्रमख सचिव गृह आनंद बर्धन, आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक सुब्रत दास, उप महाप्रबंधक तरीका सिंह, एडीजी अशोक कुमार, एसएसपी एसटीएफ रिद्धिमा अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।