बेहिसाब धन पर कार्रवाई के दौरान, ईडी के अधिकारियों ने देहरादून में “अवैध” फारेन करेंसी चेंजर गौरव कुमार के तीन परिसरों में छापा मारा और मंगलवार शाम यहां से 68 लाख रुपये फारेन और इंडियन करेंसी जब्त किए।
ईडी टीम के 3 अधिकारियों ने गौरव के दो बिजनेस जगहों पर छापा मारा जिनमें से एक शहर के बीचों-बीच सेंट जोसफ स्कूल के पास और नेशविला रोड पर स्थित है। इसके अलावा उनके घर जो मसूरी डायवर्जन पर स्थित है वहा भी छापा मारा।
ईडी के अधिकारी ने बताया कि यह छापे 3 जगहों पर चले, लेकिन अभी के लिए 68 लाख की रिकवरी हुई है जिसमें से 17 लाख फारेन करेंसी है और 51 लाख इंडियन करेंसी है, यह पूरा अमाउंट सीज कर दिया गया है। ईडी टीम ने कुछ कागजात भी सीज कर दिए है, जिसमें इनके बिजनेस के लिंक उत्तराखंड के साथ साथ दूसरे राज्यों में भी है।
ईडी के अधिकारी ने बताया कि गौरव और उनके पिता अशोक कुमार पिछले 10 सालों से फारेन करेंसी एक्सचेंज का बिजनेस चलाते हैं, और इन दोनों के लिंक एक ऐसे सिंडिकेट से बताए जा रहे जो बेहिसाब फारेन करेंसी की सप्लाई अलग-अलग देशों में करते हैं जैसे यूएस, कनाडा, दुबई और सिंगापुर।
अब तक की जांच के बारे में अधिकारीयों ने बताया कि दोनों ही बाप और बेटे को ईडी स्कैनर के तहत रखा गया था, और इन दोनों के नाम किसी पूछताछ में सामने आए थे। यह दोनो बिना लाइसेंस के काम कर रहे थे और कम दाम में लोगों को फारेन करेंसी एक्सचेंज करते थे।
ईडी के अधिकारी ने बताया कि 51 लाख की इंडियन करेंसी को भी फारेन करेंसी में बदलने के लिए रखा गया था। उन्होंने बताया कि हम अभी भी फारेन और इंडियन करेंसी सप्लाई करने वाले लोगों की खोज कर रहे है, और हमें लगता है कि वह जो भी है देहरादून और वेर्स्टन उत्तर प्रदेश सिंडिकेट के है क्योंकि इतने बड़े लेवल पर फारेन और इंडियन करेंसी की लेन देन मुमकिन ही नहीं है।
छापे के बाद, ईडी ने दोनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम की रोकथाम के तहत मामला दर्ज करने का फैसला किया है।