फर्जी तरीके से चल रहे शिक्षा मंत्री के जिले में स्कूल

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उधमसिंह नगर। प्रदेश में शिक्षा का स्तर लगातार गिरते जा रहा है जिसके लिए कई बार हाईकोर्ट सरकार को फटकार भी लगा चुकि है, बावजूद इसके प्रदेश की शिक्षा विभाग का सिस्टम है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहा है, सूबे के शिक्षा मंत्री के ही गृह जनपद का हाल ये है कि यहां शिक्षा के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है, और योजनाओं का लाभ लेने के लिए स्कूल प्रबन्धक फर्जीवाडे का विघालय चला रहे हैं।

जिस सूबे के शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में ही शिक्षा का फर्जीवाडा चल रहा हो उस प्रदेश की शिक्षा का सिस्टम कितना बेहतर होगा ये अंदाजा आप लगा सकते हैं, उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय के गृह जनपद उधमसिंह नगर के जसपुर ब्लाक में शिक्षा का एसा खेल चल रहा है जिसके बारे में सुनकर आप चौंक जाएंगे, ये जो स्कूल आपको दिखा रहे हैं वो वास्तव में स्कूल के नाम पर रजिस्टर्ड ही नहीं है, और छ सौ बच्चे इस इण्टर कालेज में पडते हैं, जबकि जिसे इण्टर कालेज दिखाया गया है वास्तव में वो मदरसे के नाम से रजिस्टर्ड है, और मदरसे के नाम पर ना तो यहां बच्चे पढते हैं और ना ही कोई स्टाफ है, दस्तावेजों पर मदरसा चलाया जा रहा है जबकि स्कूल के नाम पर कोई मान्यता नहीं है,यही नहीं मदरसे के सभी लाभ इसके प्रबन्धक द्वारा लिए जा रहे हैं, वहीं जब इसकी जानकारी के लिए समाचार प्लस की टीम स्कूल में पहुंची तो देखिये प्रबन्धक को किस तरह से अपनी कमियों को छुपा रहे हैं और समाचार पल्स की टीम को प्रलोभन देने का प्रयास कर रहे हैं।

वहीं जिस स्कूल को संचालित किया जा रहा है वहीं पढाने वाली शिक्षिकाए भी विघालय के रवैाये से नाखुश है उनका कहना है कि उनके द्वारा ट्रेनिंग तो स्कूल में की जा रही है लेकिन डीलीट के फार्म भरने के नाम पर स्कूल प्रबन्धन ने उनसे दस हजार रुपये की मांग की जबकि वास्तव में उसकी फीस साढे चार हजार होती है। वहीं इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी है कि चेन की नींद सोये है, और मीडिया द्वारा जानकारी देने के बाद बताया जा रहा है कि कार्यवाही की जाएगी।