देहरादून। प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का बीड़ा उठा चुके हैं लेकिन अधिकारी साथ नहीं दे रहे हैं। जहां शिक्षा सचिव से अरविंद पांडेय नाराज चल रहे हैं वहीं शुक्रवार को आयोजित एक बैठक में उन्होंने अधिकारियों को शैक्षणिक माहौल सुधारने का निर्देश दिया।
अरविंद पांडेय ने विधानसभा के सभा कक्ष में अधिकारियों से बैठक कर अध्यापक छात्र अनुपात को तर्कपूर्ण बनाने के लिए सभी विकास खंडों से आंकड़े मांगने का निर्देश दिया तथा स्पष्ट कहा कि प्रतिनियुक्ति और डायट में कार्यरत सभी अध्यापकों को उनके मूल पदों पर भेजा जाए। शिक्षा मंत्री का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उत्तराखंड अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में सुझाव देगा तथा हिमालयी राज्यों के संदर्भ में विशेष नीति का आग्रह करेगा। शिक्षा मंत्री ने सभी 13 नवोदय विद्यालयों को माॅडल विद्यालय के रूप में विकसित करने का आग्रह किया। इस संदर्भ में आगामी सात अगस्त को एक विशेष बैठक आयोजित करेगी।
उन्होंने छात्रों की क्षमता का विकास करने पर बल दिया। यही बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी शामिल है। उन्होंने कहा कि छात्रों का भौतिक और मानसिक विकास समय की मांग है। व्यवसायिक शिक्षा के लिए स्थानीय स्तर पर शिल्प काश्तकारों को मानदेय देकर शिक्षा के लिए आमंत्रित किया जाएगा। नैतिक शिक्षा और ज्ञान योग की भी इस अवसर पर चर्चा की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इन विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया है। विद्यालय प्रांगण में प्राचार्य और अध्यापकों के आवास का प्रबंधन हो ऐसा होने से छात्रों की शिक्षा भावपूर्ण होगी।
बैठक में विद्यालय शिक्षा सचिव रणजीत सिन्हा, निदेशक आरके कुंवर, निदेशक एससीएआरटी सीमा जौनसारी, शशि चैधरी, अजय कुमार नौटियाल, वंदना गब्र्याल, उपस्थित थे।