प्रदेश के विकास में प्रभावी वित्तीय प्रबंधन महत्वपूर्णः मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री रावत ने सुद्धोवाला में उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन का उदघाटन किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन का नामकरण पं.दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने वित्त सेवा के अधिकारियों के पंचम बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

वित्त सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के विधिवत प्रारम्भ होने से वित्त सेवा के अधिकारियों  व कार्मिकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिक सुचारू रूप से संचालित होगा। संस्थान में वित्त सेवा के प्रशिक्षु व वित्तीय प्रबन्धन से जुडे़ लोगो के लिए अच्छी सुविधाएं व प्रशिक्षण कार्यक्रम है। वित्तीय प्रबन्धन की क्षमता को बढ़ाने, कौशल विकास व अपडेटेशन के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि, “कम से कम धनराशि से बड़े लक्ष्य प्राप्त करना वित्तीय प्रबन्धन कहा जा सकता है। तकनीकी योग्यता की पृष्ठभूमि वाले प्रशिक्षु अधिकारियों के वित्त सेवा में आने से प्रशासन को वित्तीय प्रबन्धन व तकनीकी प्रबन्धन का एक साथ लाभ होगा। हमारे समक्ष चुनौती है कि अपने सीमित वित्तीय संसाधनों से अधिकतम योजनाओं को पूरा करे। इस कार्य में प्रभावी वित्तीय प्रबन्धन की अहम भूमिका होगी। हमें अपने कर्त्तव्यो का पालन कुशल प्रबन्धन के साथ ही पूरी ईमानदारी व निष्ठा से करना होगा।”

वित्त मंत्री प्रकाश पन्त ने कहा कि, “वित्तीय प्रबन्धन में ज्ञान, अनुभव  एवं प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है। जल्द ही राजकीय कार्मिकों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ किए जाएगे। संस्थान में एक पुस्कालय भी स्थापित किया जाएगा। उत्तराखण्ड देश में पहला राज्य है जहां 1947 से वर्तमान तक के सभी वित्तीय एक्ट एक ही स्थान पर उपलब्ध है, जिन्हे  डिजिटल किया जाएगा।”