चुनावों में पब्लिक प्राॅपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर सख़्त चुनाव आयोग

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प्रमुख सचिव एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखण्ड राधा रतूड़ी ने साफ किया है कि आगामी विधान सभा चुनावों में प्रचार-प्रसार के कार्यों में बैनर, पोस्टर, वाॅल राइटिंग आदि के द्वारा लोक सम्पत्तियों का स्वरूप बिगाड़ने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। सभी जिलाधिकारियों एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये है कि लोक सम्पत्ति विरूपरण निवारण अधिनियम में निहित प्राविधानों के दृष्टिगत विधान सभा के आगामी विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2017 को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने जनपदों में यह सुनिश्चित कर ले कि किसी भी व्यक्ति, राजनैतिक दल या संगठन आदि के द्वारा इसका उल्लंघन तो नही किया जा रहा है, यदि लोक सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम उल्लंघन का कोई मामला सामने आता है, तो अधिनियम के अन्तर्गत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें। भविष्य में निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के पश्चात इस प्रकार के पोस्टर, वालपेंटिंग आदि हटवाएं जाने की कार्यवाही की जानी है। इसलिये इस मामले में कार्यवाही करते हुए नियमानुसार अंकुश लगाया जाय।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-2003 एवं उत्तराखण्ड लोक सम्पत्ति विरूपण (distortion/defacement) निवारण नियमावली-2009 के अनुसार रोशनाई, खडिया मिट्टी, रंग, पेंट अथवा किसी अन्य पदार्थ से लोक सम्पत्ति के स्वरूप को खराब करना, जिसमें विज्ञापन पत्रों को चस्पा करना भी सम्मिलित है, करने वाले व्यक्ति के (ऐसी सम्पत्ति के मालिक अथवा अधिभोगी को छोड़कर जो उस पर अपना नाम व पता इंगित करना है) एक वर्ष तक कारावास अथवा दस हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनो दण्डों से दण्डित किया जा सकेगा। 

राधा रतूड़ी ने बताया कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये है कि मतदाता जागरूकता एवं अन्य महत्वपूर्ण गतिविधयों के प्रचार-प्रसार के लिये मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा एक Facebook Account CEO Uttarakhand तथा एक Twitter Account @Uttarakhand CEO संचालित किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग द्वारा इसी प्रकार के Facebook Account एवं सोशल मीडिया की सकारात्मक गतिविधियां जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर भी प्रारम्भ करने की तैयारी है।