चुनाव आयोग ने जारी किये सोशल मीडिया पर प्रचार के दिशानिर्देश

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उत्तराखंड में विधान सभा चुनावों को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। इनके अनुसार:

  • किसी भी प्रत्याशी या राजनैतिक दल को जिला स्तरीय/राज्य स्तरीय एमसीएमसी (मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड कन्टेंट माॅनिटरिंग कमेटी) कमेटियों को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की सम्पूर्ण सूचना देनी होगी।
  • प्रत्याशियों एवं राजनैतिक दलों को यह भी बताना होगा की इन अकाउंट्स को चलाने में क्या खर्च आ रहा है जिसमें इंटरनेट और क्रीएटिव टीम को किया जाने वाला भुगतान भी शामिल है। 
  • किसी भी पेज या अकाउंट को स्पाॅन्सर करते समय उस पर आ रहे खर्च की सूचना तथा भुगतान की प्रक्रिया का विवरण एमसीएमसी कमेटी को नियमित रूप से देना होगा। 
  • यदि किसी पोस्ट/विडीओ/ऐनिमेशन/ग्राफिक प्लेट को विज्ञापन के रूप में जारी किया जाना है तो इसका पूर्व प्रमाणीकरण  प्री सर्टिफिकेशन एमसीएमसी से अनिवार्य होगा। सामान्य गैर विज्ञापन पोस्टों का आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत माना जाता रहेगा। यदि कोई पोस्ट/विडीओ आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन करती पायी जाती है तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
  • वेबसाइट पर किसी भी प्रकार के विज्ञापन की सूचना और प्रमाणीकरण एमसीएमसी से आवश्यक होगा। 
  • फेसबुक औऱ ट्वीटर पर पर लाइव के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है परंतु लाइव किए जा रहे विडीओ के कंटेंट में आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन नहीं होना चाहिए। लाइव के दौरान रिका्ॅर्डेड विडियो को भी बाद में प्रचार के लिए एमसीएमसी द्वारा बिना पूर्व प्रमाणीकरण के विज्ञापन के रूप में नहीं चलाया जा सकता है।
  • जिन सोशल मीडिया गतिविधियों में एमसीएमसी द्वारा पूर्व प्रमाणीकरण की बाध्यता नहीं है उनके कन्टेंट भी कमेटियों द्वारा माॅनिटर किए जाएॅंगे और यदि आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन करती हुई कोई सामग्री मिलेगी तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। 
  • सभी पोस्टों मे आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का पूरा पालन आवश्यक होगा। 
  • जिला निवार्चन अधिकारियों/ रिटर्निंग आॅफिसर के स्तर से भी राजनैतिक दलों/प्रत्याशियों/राजनेताओं को सोशल मीडिया सम्बन्धी प्रावधानों से अवगत कराते हुए उन्हें समुचित रूप से सूचित भी किया जाय कि वे अपने अकाउंट्स की सम्पूर्ण सूचना एमसीएमसी कमेटियों को उपलब्ध करायें    

गौरतलब है कि पिछले दिनों ही सोसल मीडिया पर प्रचार के मामले में राज्य चुनाव आयोग ने कांग्रेस और बीजेपी दोनो के ही नेताओं को कारण बताओं नोटिस जारी किये थे।