देहरादून। पे-मैट्रिक्स और पदोन्नत वेतनमान के मसले पर बिजली कार्मिकों ने 23 नवंबर को आंदोलन के कार्यक्रम का ऐलान करने का फैसला लिया है। शनिवार को पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन, पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन, ऊर्जा कामगार संगठन, ऊर्जा आफीसर्स, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन की संयुक्त बैठक हुई।
वक्ताओं ने कहा कि सातवें वेतनमान के शासनादेश से तमाम विसंगतियां पैदा हो गई हैं, जिनका निस्तारण नहीं होने से कार्मिकों में गुस्सा है। ऊर्जा के तीनों निगम प्रबंधन ने पे-मैट्रिक्स की रिपोर्ट 27 अक्टूबर और पदोन्नत वेतनमान की रिपोर्ट 15 नवंबर को शासन के समक्ष प्रेषित कर दी है। वहीं, पिछले महीने शासन में हुई वार्ता में सहमति बनी थी कि एक महीने के भीतर विसंगतियों को दूर कर दिया जाएगा। लेकिन, अभी तक कोई शासनादेश इन संबंध में जारी नहीं हुआ।
कहा कि पदोन्नत वेतन ऊर्जा निगमों में क्रमश: 9, 14, 19 वर्ष की सेवा पर मिलता था। लेकिन, सातवें वेतनमान के आदेश के बाद इसे 10, 20, 30 वर्ष कर दिया, जो अव्यवहारिक है। साथ ही पे-मैट्रिक्स का निर्धारण भी गलत किया गया है। बैठक में निर्णय हुआ कि 20 नवंबर को तीनों निगमों के प्रबंध निदेशकों से वार्ता की जाएगी और 23 नवंबर तक आदेश जारी नहीं हुआ तो आंदोलन का कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा। बैठक में पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमसी गुप्ता, ऊर्जा कामगार संगठन के अध्यक्ष राकेश शर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष दीपक बेनीवाल, पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के यूपीसीएल अध्यक्ष संदीप शर्मा, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव दीपक पांडे आदि मौजूद रहे।