बिजली चोरी रोकने के लिये यूपीसीएल करेगा “ऊर्जागिरी”

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    मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में बिजली चोरी तथा लाइन लॉस को रोकने के लिये व्यापक जन-जागरूकता के प्रसार पर बल दिया है। ऊर्जा की बचत तथा राजस्व वृद्धि के लिये बिजली चोरी रोकने के लिये मुख्यमंत्री ने ऊर्जा गिरी अभियान की शुरुआत का।  मुख्यमंत्री ने बिजली चोरी रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों में तेजी लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता के लिये इस अभियान के रूप में एक अच्छी शुरूआत हुई है। इससे निश्चित रूप से समाज में जागरूकता आयेगी।

    • बिजली चोरी रोकने के लिये प्रदेश में हुई ऊर्जागिरी की शुरूआत
    • जनजागरूकता से मिलेगी अभियान को सफलता
    • बिजली चोरी व लाइन लास को कम करने के लिये मुख्यमंत्री ने बतायी समेकित प्रयासों की जरूरत

    मुख्यमंत्री ने बिजली चोरी पर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये यू.पी.सी.एल. विजिलेंस सेल को मजबूती प्रदान करने के  निर्देश दिये। यू.पी.सी.एल में मुख्य अभियन्ता से अवर अभियन्ता तक सभी को विद्युत संयोजनों की मासिक चैकिंग के लक्ष्य निर्धारित किये जाने की बात कही। उन्होंने राज्य की आवश्यकता के अनुरूप बाजार से महंगी बिजली खरीद कर राज्य की जनता तथा उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के प्रयासों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें बिजली चोरी रोकने के लिये जनजागरूकता के साथ ही इसकी शपथ भी लेनी होगी।

    उत्तराखण्ड को लाइन लॉस व बिजली चोरी रोकने में गुजरात के बाद दूसरा नम्बर है। मुख्यमंत्री ने स्वच्छता एवं वन टाइम यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने के संबंध में प्रधानमंत्री की अपील को साकार करने में भी योगदान देने की अपील की, उन्होंने कहा कि हमें इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता से हमने पर्यावरणीय मानकों में सुधार की शुरूआत की है।

    इस मौके पर मुख्यमंत्री ने इस अभियान से संबंधित सोशल मीडिया, टी.वी, रेडिया जिंगल फ्लेक्स आदि के माध्यम से किये जाने वाले जन-जागरूकता कार्यक्रमों का भी शुभारम्भ किया।

    प्रदेश में मैकेनिक मीटर के स्थान पर इलैक्ट्रिनिक मीटर लगाये जा रहे है। खराब मीटरों को बदला जा रहा है। चोरी सम्भावित क्षेत्रों में एलटी एबी केबल डाली जा रही है। अधिक विद्युत खपत करने वाले उपभोक्ताओं के संबंध में ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग की व्यवस्था की गई है। विद्युत खपत के आंकलन में गड़बडी रोकने के लिये एण्ड्रोयड बिलिंग एप के माध्यम से मीटर रीडिंग लेकर बिलिंग की जा रही है, जिसमें रीडिंग की फोटो ली जाती हैं। स्थायी/अस्थायी रूप से काटे गये संयोजनों की जांच की जा रही है। अधिक भार वाले उपभोक्ताओं की मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता तथा उपखण्ड अधिकारी द्वारा सैम्पल जांच की जा रही है। विद्युत खपत का स्पेशल टीम द्वारा सैम्पल जांच की जा रही है।