(देहरादून) सर्व शिक्षा अभियान में काम कर रहे सीआरसी-बीआरसी समन्वयकों को पिछले पांच माह से तन्ख्वाह नहीं मिली है। जिससे यह लोग आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। ऐसे में इन्होंने अब बिना वेतन काम न करने का ऐलान किया है। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विरेंद्र सिंह कृषाली ने कहा कि “उत्तराखंड राज्य सर्व शिक्षा अभियान में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी रहा है। जिसका श्रेय सर्व शिक्षा अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में बीआरसी-सीआरसी समन्वयकों को जाता है। लेकिन इन्हें पिछले पांच माह से वेतन ही नहीं मिला। शैक्षिक सत्र में आकस्मिक व्यय की धनराशि भी अवमुक्त नहीं हुई है। जिस कारण बीआरसी-सीआरसी समन्वयक बिना धन काम करने को मजबूर हैं। ऐसे में अब एक मत होकर दाम नहीं तो काम नहीं की रणनीति अपनाने का निर्णय लिया गया है।”
कर्मचारियों ने विभाग को 22 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया है। यदि इस दिन तक वेतन जारी नहीं किया गया, तो 23 जनवरी से मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा।