खतरे को दावत देता 104 साल पुराना पुल

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बागेश्वर मे सरयू नदी पर 104 साल पुराना झूला पुल जर्जर हालत में है। यह पुल किसी बड़े खतरे को दावत दे रहा है। पुराने पैदल पुल को ठीक करने की कोई भी कोशिश नही कर रहा है।

सरयू नदी पर 1913 में पैदल चलने के लिए झूला पुल बनाया गया था। इस पुल से नगरवासी आवाजाही करते है। यह पुल दूध बाजार, चौरासी, सिनौला, भागीरथी, मंडलसेरा को जोड़ता है। एक शताब्दी बीतने के बाद अब यह पुल धीरे-धीरे दम तोड़ने लगा है। लोहे के इस पुल पर जगह-जगह जंक लग गया है। पुल के निचला हिस्सा कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल के बीच के स्थान पर तो लोहा गलने लगा है। यह झूला पुल नगरपालिका के पास है। बजट नही होने के कारण पालिका ने पुल के निर्माण में अभी तक कोई रुचि नही दिखाई है।

शासन-प्रशासन भी किसी हादसे के इंतजार में बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। उसे आम लोगों की जान की कोई परवाह नही है। बागेश्वर जनपद आपदा की ²ष्टि से बेहद संवेदनशील है। बरसात का समय भी आ गया है। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। लेकिन फिलहाल इस पुल को बनाने के लिए सरकार गंभीर नही दिखाई दे रही है। स्थानीय लोग भी जर्जर पुल को जल्द ठीक करने की मांग करने लगे हैं। अब देखना यह है कि यह पुल कब तक बनता है। या सरकार किसी हादसे का इंतजार करती है।

ईश्वर सिंह रावत, ईओ नगरपालिका ने बताया कि सरयू नदी पर बना झूला पुल जर्जर हालत में है। इसके आगणन के लिए लोक निर्माण विभाग से कहा जाएगा और प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। इस पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।