“108” सेवा ने 11 लाख आपातकालीन मामलों में सेवाएं देने का आंकड़ा किया पार

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1989

15 मई, 2008 से 108 सेवा उत्तराखण्ड राज्य की जनता को आपातकालीन स्थितियों के दौरान चैबीसों घण्टे सातों दिन निःशुल्क एवं त्वरित सेवाएं प्रदान कर रही है। आज राज्य में 108 आपातकालीन सेवा को राज्य की लाइफ लाइन अथवा जीवनदायिनी आदि नामों से भी सम्बोधित किया जाता है, इसी क्रम में आगे बढते हुए जीवीके ई.एम.आर.आई. 108 आपातकालीन सेवा ने 11 लाख से अधिक आपातकालीन मामलों में पीड़ितों को सहायता प्रदान कर एक नया कीर्तिमान भी स्थापित कर लिया है।

·         108 आपातकालीन सेवा की एम्बुलेंस वाहनों ने अबतक कुल 4 करोड़ 10 लाख किमी का सफर किया तय।

·         108 आपातकालीन सेवा के एम्बुलेंस वाहन प्रतिदिन लगभग 18 हजार किमी का सफर करती हैं तय ।

·         28300 से अधिक लोगों को मिला जीवनदान।

उत्तराखण्ड राज्य में जीवीके ई.एम.आर.आई. द्वारा सचांलित की जा रही 108 आपातकालीन सेवा के लगभग 800 से अधिक कर्मचारियों के सहयोग से चैबीसों घंटे, सातों दिन संचालित होने वाली इस आपातकालीन सेवा में कुल 139 एम्बुलेन्स वाहनों द्वारा पिछले 8 वर्ष से अधिक अवधि के दौरान लगभग 4 करोड़ 10 लाख किलोमीटर से अधिक की यात्रा तय करते हुए 11 लाख से अधिक लोगों को आपातकालीन मामलों (मेडिकल, पुलिस व अग्नि सम्बन्धित) में अपनी त्वरित सेवाएं प्रदान की हैं। इन 11 लाख आपातकालीन मामलों में कुल 10 लाख  54 हजार से अधिक मेडिकल इमरजेंसी तथा 45 हजार से अधिक पुलिस एवं अग्नि सम्बन्धी आपातकालीन मामले दर्ज हुए हैं। अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 108 आपातकालीन सेवा का सर्वाधिक लाभ राज्य की गर्भवती महिलाओं को प्राप्त हुआ है। अब तक कुल 4 लाख 26 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को 108 आपातकालीन सेवा द्वारा संस्थागत प्रसव हेतु राज्य के विभिन्न अस्पतालों तक सुरक्षित पहुंचाया गया है। वहीं 108 आपातकालीन सेवा के एम्बुलेंस वाहनों में लगभग 8 हजार 9 सौ से अधिक गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव करवाया गया है। इसी क्रम में दूसरी सबसे अधिक आपातकालीन सेवाएं सड़क दुर्घटना सम्बन्धी मामलों में प्रदान की गयी हैं, अब तक लगभग 1 लाख 14 हजार से अधिक सड़क दुर्घटना सम्बन्धी आपातकालीन मामलों में सेवाएं प्रदान की गयी हैं। उत्तराखण्ड राज्य में अपने शुभारम्भ के दिन से अब तक 108 आपातकालीन सेवा की तत्परता के कारण लगभग 28300 से अधिक लोगों को नया जीवन प्राप्त हुआ है, यदि इन लोगों को सही समय पर सहायता नही मिल पाती तो इन लोगों का जीवन सकंट में पड़ सकता था। 

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11 लाख आपातकालीन मामलों में सेवाएं प्रदान करने के इस अवसर पर जीवीके ई.एम.आर.आई. 108 आपातकालीन सेवा उत्तराखण्ड के स्टेट हैड मनीश टिंकू ने अपनी समस्त टीम को बधाई देते हुए कहा कि 11 लाख आपातकालीन स्थितियों में तत्परतापूर्वक निःस्वार्थ सेवायें प्रदान करना हम सभी के लिये एक बड़ी उपलब्धि है। मनीश टिंकू ने यह भी बताया कि हमारी टीम द्वारा निरंतर अपनी सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाने का प्रयास किया जाता है जिसके परिणाम स्वरुप ही जहां हमारे द्वारा प्राप्त होने वाले आपातकालीन मामलों की संख्या वृ़द्धि हुई है।वर्तमान में 108 आपातकालीन सेवा द्वारा प्रतिदिन 400 से 450 आपातकालीन मामलों में त्वरित सेवायें प्रदान की जा रही हैं तथा भविष्य में भी हमारा यही प्रयास रहेगा कि 108 पर आने वाली सभी आपातकालीन मामलों में सेवायें दी जा सके।