ठीक हो गए, फिर भी ”मेंटल हास्पिटल” में रहने को मजबूर

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उत्तराखंड के 11 लोग इलाज के बाद ठीक होने के बाद भी बरेली(यूपी) के मेंटल हास्पिटल में बीमारों के साथ रहने को मजबूर हैं।उत्तराखंड शासन और जिलों के प्रशासन को यह पता नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका दाखिल होने के बाद जब यूपी सरकार ने शपथ पत्र दिया तब यह पता चला। इनमें से कई रोगी ऐसे हैं जिन्हें इलाज के लिए बरेली भेजने के लिए अलग-अलग सीजीएम कोर्ट ने आदेश दिए थे।जबकि कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें अस्पताल में रहते हुए 20 साल से भी ज्यादा हो गया है।बरेली मेंटल हास्पिटल में कुछ रोगी तो ऐसे हैं जो उत्तराखंड राज्य के गठन से पहले भर्ती हुए थे।

जब यह मरीज ठीक हो गए तो कुछ अपने घर का पता भूल गए और दो दशक होने के बाद कइयों के घरवालों ने उन्हें भुला दिया।सोचने की बात तो यह है कि जब यह मरीज अस्पताल में भर्ती हुए तब यह दिमागी रुप से बीमार थे लेकिन अब यह ठीक है फिर भी इनके साथ रहने को मजबूर हैं। अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है कि ठीक हो चुके स्वस्थ लोग बीमारों के साथ अस्पताल में रह रहे हैं और उनके वापस आने की व्यवस्था जल्दी से जल्दी करनी चाहिए।