उत्तराखंड अपने कई आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों को खत्म करने जा रहा है और आने वाले कुछ महीनों में एक ही आपातकालीन नंबर 112 को जारी करने की कवायद तेज कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा आपातकालीन संख्या जैसे 100 (पुलिस), 101 (अग्नि), 102 (एम्बुलेंस) और 108 (आपदा प्रबंधन) को 112 नंबर में शामिल किया जाएगा, जो राज्य में सभी प्रकार की आपातकालीन कॉलों का मुख्य आधार बन जाएगा।
देहरादून एसएसपी के कार्यालय में एक सेंटर कमांड केंद्र स्थापित किया जाएगा जो सभी प्रकार की इमरजेंसी कॉल को रिसीव करेंगे और उसके बाद संबंधित प्रभागों को कॉल के अलग-अलग डिर्पाटमेंट में फारवर्ड किए जाऐंगे। महानिदेशक पुलिस (डीजीपी) एम ए गणपति ने कहा कि इस परियोजना को कार्यान्वित करने के लिए केंद्र से 6.5 करोड़ रुपये पहले से ही प्राप्त हो चुके हैं।
गणपति ने कहा, “नई आपातकालीन सेवा के तहत, संकट में एक व्यक्ति को 112 पर कॉल करने की आवश्यकता होगी। केंद्रीकृत कमांड सेंटर को यह कॉल प्राप्त होगा और वह संबंधित विभाग को यह काल फारवर्ड करेगा जिससे रेस्पांस समय काफी कम हो जाएगा।”
डीजीपी ने कहा कि प्रशिक्षित कर्मियों और पर्याप्त फोन लाइनों की कमी से पुलिस हेल्पलाइन (100) को कई शिकायतों को संबोधित करने में देरी हो जाती है। पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अमित सिन्हा, जो इस परियोजना के प्रबंधक भी हैं, उन्होंने कहा कि, “हमारे पास नियंत्रण कक्ष में 140 कॉल अटेंडेंट हैं। इनमें से वर्तमान में, केवल छह लोग हेल्पलाइन के लिए किए गए कॉल का प्रबंधन करते हैं।”
प्रस्तावित प्रपोजल के अनुसार प्रतिक्रिया प्रणाली के तहत, एक शिकायत दर्ज करने के बाद एक कॉल अटेंडेंट तुरंत कॉल डिस्पैचर को इमरजेंसी कॉल भेज देगा।
सिन्हा ने कहा कि पुलिस विभाग चार पहिया और दुपहिया वाहन भी खरीदेगी ताकि पुलिस शिकायतकर्ता के पास थोड़े समय के भीतर पहुंच सके। सिन्हा ने कहा कि, “हमारा लक्ष्य प्रतिक्रिया समय को 5 से 6 मिनट तक कम करने का है, इससे जैसे ही हमें कोई संदेश मिलेगा हम निकटतम जीपीएस-सक्षम आपातकालीन वाहन को भेज कर आगे की कार्यवाही सकते है।