राज्य में 1409 ग्राम पंचायतों में समयबद्ध सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से इन्हें डिजिटलाइज किया जा रहा है। पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय ने विभागीय समीक्षा बैठक में कहा कि सभी पंचायतें एक सितम्बर से ऑनलाइन सेवाएं देना शुरू कर देंगी। कोई भी व्यक्ति परिवार रजिस्टर का पंजीकरण, परिवार रजिस्टर की प्रतिलिपि जन्म प्रमाण-पत्र, मृत्यु प्रमाण-पत्र ऑनलाइन प्राप्त कर पाएगा।
सोमवार को विद्यालय शिक्षा, प्रौढ शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने सचिवालय के एफआरडीसी सभाकक्ष में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा की। बैठक में पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि भारत गांव में बसता है और सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं को उन तक पंहुचाने की जिम्मेदारी पंचायतीराज विभाग की है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने दायित्वों एवं अधिकारों का निर्वहन निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ करें ताकि ग्राम स्तर पर कोई भी व्यक्ति सरकार की योजनाओं से वंचित न रहे। उन्होने कहा कि कोई भी अधिकारी किसी के भी दबाव में कार्य न करे। उन्होने कहा कि सरकार की योजनाओं को ग्रामसभा की खुली बैठकें आयोजित कर प्रस्ताव पारित कराकर लोगों को लाभावंनित करें।
उन्होंने निदेशक पंचायती राज को निर्देश दिए कि ग्राम स्तर पर आयोजित होने वाले बैठकों के लिए जिलास्तरीय अधिकारियों की तैनाती करते हुए मॉनिटिरिंग की जाए। उन्होने पंचायतों को सुदृढ एवं मजबूत करने व आय के स्त्रोत बढाने के लिए कहा। उन्होने जिला पंचायत के अधीन गेस्ट हाउसों का जिर्णोद्धार कर उन्हें पीपीपी मोड देने का सलाह दी। उन्होने यह भी निर्देश दिए हैं कि ब्लाक मुख्यालय एवं ग्राम स्तर पर जो भी पद रिक्त हैं, उन्हे आउटसोर्सिंग से भरा जाए।
पंचायतीराज मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य की 1409 ग्राम पंचायतों में एक सितम्बर ऑनलाइन सेवा शुरू की जाए। सभी ग्राम पंचायतों में कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाए। जिन ग्राम पंचायतों में कम्यूटर उपलब्ध नही कराए गए, उन्हें कम्पयूटर उपलब्ध कराए जाएं।
बैठक में पंचायतीराज मंत्री ने केन्द्रपोषित योजनाओं में 14वें वित्त आयोग, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (शत-प्रतिशत), दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार(शत-प्रतिशत), नाना जी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार(शत-प्रतिशत) और राज्य सेक्टर योजनाओं में राज्य वित्त आयोग, क्षेत्र पंचायत विकास निधि, निर्वाचित प्रतिनिधियों, कर्मचारियों का प्रशिक्षण एवं महिला प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण एवं पंचायत भवन निर्माण योजनाओं की समीक्षा की।
बैठक में निदेशक पंचायतीराज/अपर सचिव पंचायतीराज हरिचन्द्र सेमवाल ने बताया कि 14वें वित्त आयोग के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन, जिसमें सेप्टैज प्रबन्धन, स्वच्छता, जल निकासी, सामुदायिक परिसम्पत्तियों का रख-रखाव, सड़को, फुटपाथों, स्ट्रीट लाइट, कब्रिस्तान एवं शमशान घाटों के रख-रखाव के लिए 2016-17 में 28145 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है, जिसका व्यय किया जा चुका है। 2017-18 के लिए माह जुलाई में 16259.50 लाख की धनराशि आंवटित हुई है। उन्होने अवगत कराया कि 7955 ग्राम पंचायतों में से 1409 ग्राम पंचायतों में विभिन्न मदों से क्म्प्यूटर उपलब्ध करवाए जा चुके हैं।