महासंघ की 28 मांगों का राजकीय हित में उपयोग किया जाएगा: सतपाल महाराज

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पर्यटन व सिचाई मंत्री सतपाल महाराज के सामने आज सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ और 16 घटक ने विभाग और सेवा सम्बन्धी 28 सुत्री मांगों को रखा है, जिस पर मंत्री ने परीक्षण कर समस्या का हल करने का आश्वासन दिया। भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने विधानसभा, सभागार में सिंचाई विभाग की बैठक में यह महासंघ की ओर से मांग रखा गया।

बैठक को सदभावनापूर्ण बताते हुए मंत्री सतपाल महाराज ने सिंचाई विभाग की कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सिंचाई विभाग की क्षमता का उपयोग राजकीय हित में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समस्याएं भी है जिसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। मंत्री ने कर्मचारी संघ के प्रमुख मांगों में उत्तराखण्ड के जमरानी, सांग बांध, लखवाड़ सहित अन्य जल विद्युत परियोजनाओं का कार्य सिंचाई विभाग से कराने के संबंध में आश्वासन देते हुए कहा कि इस मामले में सीएम से बात किया जाएगा। साथ ही कहा कि परियोजना विकास निगम-आराकोट-त्यूनी, त्यूनी प्लासो के लिए धन आबंटन करने की बात कही।
सतपाल महाराज ने सिंचाई विभाग के कालोनी में अवैध कब्जा तथा भवन की स्थिति जीर्णशीर्ण है और अवैध कब्जा हटाया जाने व भवन की स्थिति ठीक कराने सहित अन्य विषयों को प्राथमिकता से कार्य करने का आश्वासन दिया।
मांग में 1843 में स्थापित राजकीय उद्योगशाला से अन्य विभाग के कार्य किये जाने की मांग रखी गई। आश्वासन में इसे पायलट प्रोजैक्ट के रूप में लाने को कहा गया। मांग में सिंचाई अनुसंधान विभाग रूड़की से विभाग सहित, अन्य विभागों के कार्य की भी टेस्टिंग कार्य कराये जायें।
मांग में कहा गया झीलों का अनुरक्षण सिंचाई विभाग करता है, परन्तु उपयोग मत्स्य विभाग करता है अतः इससे प्राप्त राजस्व सिंचाई विभाग को प्राप्त होनी चाहिए। इस पर आनुपतिक आधार, प्रतिशत पर राजस्व बंटवारे पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। मांग में तीन घटक संघ के पदनाम परिवर्तन-मेड संघ, भण्डारपाल संघ, इंजीनियर ड्राइंग संघ की मांग रखी गई इस पर सकारात्मक आश्वासन दिया गया।