उपचार को तरस रहे 3 दिव्यांग भाई बहन

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विकासनगर। तहसील क्षेत्र के लक्खनवाला पंचायत में एक ही परिवार के तीन युवा दिव्यांग सदस्य उपचार नहीं मिलने से बिस्तर पर पड़े हुए हैं। इन युवाओं को समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रति माह दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि भी पिछले दो साल से नहीं मिल रही है। जबकि बुजुर्ग माता पिता की वृद्धावस्था पेंशन भी आठ माह से ठप पड़ी हुई है। इतना ही नहीं युवाओं के पिता भी पिछले एक सप्ताह से गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में बुजुर्ग मां पर ही तीनों दिव्यांग बच्चों के पालन पोषण का भार है।

जो बच्चे बड़े होने पर अपने माता पिता की सेवा करते है, उन्हें संस्कारी व आज्ञाकारी पुत्र-पुत्री माना जाता है। लेकिन बुढ़ापे में माता-पिता को जवान बच्चों की सेवा करनी पड़े तो इसे नियति की बिडंबना ही कहेंगे। ऐसी बिडंबना व कष्टकारी पलों से इन दिनों लक्खनवाला निवासी बुजुर्ग महिला कमला देवी गुजर रही हैं। महिला के दो बेटे आशु (24), विनीत (22) व एक बेटी कांता (30) जन्म से ही शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। जो दैनिक क्रिया कलापों के लिए माता-पिता पर निर्भर हैं। परिवार का भरण पोषण समाज कल्याण द्वारा दी जाने वाली वृद्धावस्था पेंशन व दिव्यांग भाई बहनों को मिलने वाली पेंशन के साथ ही पिता द्वारा की जाने वाली मजदूरी से होता था। इसे बिडंबना कहें या सरकारी तंत्र की लापरवाही, पिछले दो साल से तीनों भाई बहनों की पेंशन बंद हो चुकी है। जबकि माता पिता की वृद्धावस्था पेंशन भी आठ माह से ठप पड़ी है। इतना ही नहीं पिछले सप्ताह पिता अनुसुया प्रसाद बुड़ाकोटी को गंभीर बीमारी के चलते मिशनरी के अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में माता कमला देवी दिव्यांग बेटे, बेटी की सेवा में ही लगी रहती हैं जिसके चलते उनके सामने तीनों बहन भाइयों के भरण पोषण व उपचार की समस्या पैदा हो गई है। उधर, जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर एडीओ समाज कल्याण को मामले की जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।