एतिहासिक लाॅर्ड कर्जन रूट से उठाया तीन कुंतल कूड़ा

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गोपेश्वर। उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध लार्ड कर्जन ट्रेक रूट पर विखरे तीन कुंतल से अधिक कूडा एकत्र कर उसे अपने साथ जोशीमठ उसके री-साइकिलिंग के लिए नगरपालिका जोशीमठ को सौंपा गया। यह कार्य हिमालय के दर्शन कराने वाली संस्था वाइल्ड हिमालया एडवेंचर ने किया।
वाइल्ड हिमालया एडवेंचर के संजय कुंवर ने बताया कि प्रसिद्ध लार्ड कर्जन ट्रेक रूट के प्रति देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षण रहता है इसलिए वर्षों से पर्यटक इस ट्रेक रूट पर आते है मगर जाने अंजाने में उनसे इस रूट पर उनसे कूडा छूट जाता है। वाइल्ड हिमालया एडवेंचर ने स्वच्छ भारत, स्वच्छ पर्यटन संदेश के तहत इस रूट पर बिखरे कूडे को एकत्र किया जो लगभग 303 किलो था जिसमें प्लास्टिक कूडा भी शामिल था। वाइल्ड हिमालया एडवेंचर से जुडे सदस्यों ने औली, गौरसों, ताली, खुलारा, कुलिंग, तुगासी क्षेत्र से पर्यटकों और ट्रेकर्स के फेंके गये जैविक, अजैविक कूडे को अपने साथ लेकर उसे जोशीमठ के बेस कैंप में पहुंचाया तथा उसे वन विभाग के मार्ग निर्देशन पर उसे नगर पालिका को सौंपा। अब पालिका इसे री साइकिलिंग करेगी। वाइल्ड हिमालया एडवेंचर के दिनेश भट्ट ने बताया कि इंडिया हाइक ग्रुप ने भी इस अभियान ने भी अपना साथ दिया तथा 50 बोरों में इस कूडे को भर कर जोशीमठ पहुंचाया।
क्या है लार्ड कर्जन रोड
ब्रिटिश काल में वायसराय लार्ड कर्जन उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र की साहसिक यात्रा करना चाहते थे। अपने कार्यकाल में उनके प्रस्तावित विजिट को देखते हुए ग्वालदम से कुंआरी पास तक एक ट्रेक रूट पर 70 किमी का लंबा रूट बनाया गया जो कहीं पर दस हजार फीट की उंचाई को भी छूता है। हालांकि लार्ड कर्जन को उन पर लगे आरोप के कारण ब्रिटिश किंग ने वापस बुला दिया और वे इस इस रूट पर नहीं आ पाये। इसलिए साहसिक पर्यटन की दृष्टि से इसे आज लार्ड कर्जन रोड के नाम से जाना जाता है।