17 साल में 374 फीसद बढ़ी बिजली की खपत, उत्पादन मात्र 30 फीसद

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देहरादून। उत्तराखंड बनने के बाद 17 सालों में बिजली की खपत 374 फीसद बढ़ी है, जबकि बिजली उत्पादन में महज 30 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। उपभोक्ताओं की संख्या में 150 फीसद इजाफा हुआ है। और, इसी स्थिति के अनुरूप सुखुद ये है कि जैसे-तैसे बिजली मांग करीब-करीब पूरी हो रही है।

राज्य गठन के बाद कोई बड़ी नई परियोजना शुरू नहीं हुई। जल विद्युत निगम की 1284 मेगावाट क्षमता की 13 परियोजना हैं, वही राज्य गठन के वक्त थी। परियोजनाओं के आधुनिकरण, नवीनीकरण एवं मेंटीनेस से ही उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने बताया कि हर साल करीब 80 हजार से एक लाभ नए उपभोक्ता जुड़ते हैं। बिजली की कोई कमी नहीं है और ग्रामीण क्षेत्रों तक भी में कटौती नहीं हो रही।

उद्योगों में आधी बिजली
कुल खपत में से आधी बिजली उद्योगों में खप रही है। राज्य में करीब 12 हजार औद्योगिक उपभोक्ता हैं। इनमें वर्ष 2016-17 में 5808 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई। जबकि, कुल बिजली खपत 10571 मिलियन यूनिट रही।

2001- 2017
बिजली खपत, 2229, 10571 (मिलियन यूनिट)
बिजली उत्पादन, 3067, 4379 (मिलियन यूनिट)
उपभोक्ता, 8.40, 20.94 (लाख)

40 फीसद बढ़े बिजली के दाम
राज्य बनने के बाद बिजली के दाम औसतन 3.36 रुपये प्रति यूनिट थे। जबकि वर्तमान बिजली दर 4.72 रुपये प्रतियूनिट है। इस हिसाब से 40.48 फीसद इजाफा हुआ है।