दो साल में मात्र 43 लाख एलईडी बल्ब हुए वितरित

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देहरादून। ऊर्जा संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ा रही सूबे की टीएसआर सरकार ने एलईडी बल्बों के वितरित का लक्ष्य बढ़ाकर एक करोड़ तो कर दिया। अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे लगभग 175 करोड़ रुपये की ऊर्जा बचत होगी, लेकिन योजना के दो वर्षों में अब तक मात्र 43 लाख बल्ब ही वितरित हो पाए हैं। ऐसे में यह लक्ष्य प्राप्त करना आसान नहीं लग रहा।

महिला स्वयं सहायता समूह करेंगे वितरण में सहयोग: अब सरकार ने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा एलईडी बल्ब एवं ऊर्जा दक्ष उपकरणों का वितरण कराने का फैसला किया है। इन समूहों को बल्ब बेचने पर मार्जिन मनी दी जाएगी। साथ ही लक्ष्यों को समय से पूरा करने वाले ऐसे समूहों को उजाला मित्र के रूप में पुरस्कृत करने का भी प्रावधान रखा गया हैं। इससे समूहों को एलईडी बल्ब एवं अन्य ऊर्जा व दक्ष उपकरणों की बिक्री से अच्छी आय प्राप्त हो सकेगी। इन समूहों को एलईडी बल्ब की बिक्री पर 10 रुपये प्रति बल्ब, एलईडी लाइटों की बिक्री पर 15 रुपये प्रति लाइट तथा ऊर्जा दक्ष पंखों की बिक्री पर 56 रुपये प्रति पंखे की दर से मानदेय दिया जाएगा। इससे इन महिला समूहों के आय के स्रोत बढ़ेंगे साथ ही ग्रामीण क्षेत्र तक एलईडी बल्ब की उपलब्धता बढ़ सकेगी।
एक करोड़ एलईडी बल्ब वितरण का लक्ष्य: प्रदेश में एक करोड़ एलईडी बल्ब के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 43 लाख एलईडी बल्ब का वितरण किया जा चुका है। इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 390 मिलियन यूनिट बिजली की बचत हो सकेगी, जिसकी कीमत लगभग 98 करोड़ रुपये होगी। दरअसल, एक नौ वाट के एलईडी बल्ब को साढ़े तीन घंटे प्रतिदिन जलाने पर प्रति वर्ष लगभग 65 यूनिट बिजली की बचत होगी, जो लगभग 162 रुपये के समतुल्य है। उत्तराखंड में कुल 1400 मिलियन यूनिट की प्रतिवर्ष खपत होती है। इस हिसाब से वर्तमान तक वितरित 40 लाख एलईडी बल्बों के उपयोग से 260 मिलियन यूनिट बिजली की बचत हो रही है, जिसकी कीमत करीब 65 करोड़ रुपये है। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 100 लाख एलईडी बल्ब वितरण के लक्ष्य की पूर्ति के बाद प्रतिवर्ष लगभग 390 मिलियन यूनिट, मतलब करीब 98 करोड़ रुपये की बचत होगी।
छह महीने में बंटने थे 53 लाख बल्ब : 29 नवम्बर 2015 को योजना शुरू की गई थी। छह महीने में 53 लाख बल्ब बांटने का लक्ष्य रखा था। शुरुआत में बल्ब की बिक्री खूब हुई, लेकिन धीरे-धीरे इसमें कमी आने लगी। इससे बल्ब वितरण का ठेका जिन एजेंसियों ने लिया था, वह धीरे-धीरे हाथ खड़े करने लगी और बिक्री में गिरावट आती चली गई। जिसके बाद अभी तक 43लाख 52 हजार बल्ब की ही बिक्री हो सकी है।
डाक के माध्यम से हो रहे उपलब्ध : एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने एलईडी बल्ब वितरण के लिए डाक विभाग के सामने प्रस्ताव रखा था। डाक विभाग में गठित कमेटी के हरी झंडी दिखाने के बाद सभी डाकघरों के माध्यम से बल्ब व अन्य उपकरण मुहैया कराए जा रहे है। वहीं, ईईएसएल के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि काउंटर शुरू किए जा रहे हैं। जल्द ही सभी जगहों पर बल्ब मिलेंगे और खराब बल्ब बदले भी जाएंगे।
डाकघर की कुल शाखा-2718
ग्रामीण क्षेत्रों में शाखा-2513
कहां कितने बल्ब बिके
देहरादून ग्रामीण, 560103
देहरादून शहर, 737264
श्रीनगर, 586513
हरिद्वार, 267341
रुड़की, 307804
काशीपुर, 178438
रुद्रपुर 331614
टिहरी, 255807
रानीखेत, 332167
पिथौरागढ, 309302
हल्द्वानी, 485830