राज्य में शराबबंदी और नशा मुक्ति के लिये कदम उठाते हुए कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत ने ये ऐलान किया है कि जिस भी शादी या बरात में शराब नहीं परोसी जायेगी उसे सरकार की तरफ से 11,000 रुपये का इनाम दिया जायेगा। इसके साथ साथ जो गांव अपने यहां सौ फीसदी नशा मुक्ति पा लेंगे ऐसे गांवों को राज्य सरकार की तरफ से 1 लाख रुपये का इनाम दिया जायेगा।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से रोज़गार के आभाव में उत्तराखंड के युवाओं में से एक बड़ा तबका शराब और नशे का शिकार होता जा रहा है। राज्य सरकार, स्वयं सेवी संगठन और आम लोग भी इस परेशानी से लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार के इस कदम से राज्य में खासतौर पर महिलायें खासी खुश हैं। उनका कहना है कि पुरुषों के लिये ये एक बेहतर मौका है नशे को छोड़ अपने घर परिवार और गांव को संभालने का।
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईवे से शराब की दुकानों को कस्बों और गावों के अंदर बनाने के चलते पहले से ही राज्य का माहौल गरमाया हुआ है। राज्यभर में महिलओं ने इसके खिलाफ और पूर्ण नशाबंदी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वहीं राज्य सरकार ने शराब की बिक्री रोकने के लिये पहाड़ी इलाकों में शराब की दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में फेरबदल तो किया लेकिन इसके साथ ही शराब बिक्री से होने वाली कमाई को बढ़ाने के लिये जिलों को नये टारगेट भी दे दिये।