फिल्मकारों की पसंद बनता जा रहा है उत्तराखंड

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उत्तराखंड अाखिरकार अपने प्राकृतिक खूबसूरती से फिल्मकारों को लुभाने में कामयाब होता दिख रहा है। इसके लिये अक्टूबर 2015 में बनी उत्तराखंड फिल्म नीति का बड़ा येगदान माना जायेगा। साल 2015 से अब तक राज्य में लगभग 62 फिल्म निर्माताओं द्वारा फीचर फिल्म, टी.वी.सीरियल, डाक्यूमेंट्री, वीडियो एलबम आदि की शूटिंग की अनुमति प्राप्त की गई है। इस कड़ी में बड़े बैनरों की भी कई फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में की गई है। उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी/उप निदेशक के.एस.चैहान ने न्यूजपोस्ट से बात करते हुए बताया कि “उत्तराखण्ड फिल्म नीति 2015 देश-विदेश के फिल्म निर्माताओं द्वारा काफी पसंद की जा रही है। अभी तक देश-विदेश के काफी जाने-माने फिल्म निर्माताओं द्वारा अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिये उत्तराखण्ड आये है।”

उत्तराखंड के अलग अलग लोकेशन पर अभी तक

  • अजय देवगन प्रोडक्शन की हिन्दी फिल्म ‘‘शिवाय’’
  • तिग्मांशु धूलिया निर्देशित ‘राग देश’
  • तेलगु फिल्म ‘‘ब्रहमोत्सवम’’
  • हिन्दी फिल्म ‘‘शुभ मंगल सावधान’’
  • सोनी टी.वी. पर प्रसारित सीरियल ‘‘बडे़ भैय्या की दुलहनिया
  • जी.टी.वी. पर प्रसारित धारावाहिक ‘‘पिया अलबेला’’
  • एम.टी.वी. पर प्रसारित होने वाला रियलिटी शो
  • उत्तराखण्ड की क्षेत्रीय बोली की फिल्म ‘गोपी-भिना, भुली ए भुली
  • बद्री द क्लाउड की शूटिंग राज्य में हुई है।

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चौहान के मुताबिक “लगभग 62 फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिये परमीशन दी गई हैं। इससे राज्य को राजस्व मिलता है बल्कि फिल्म युनिट के यहां रहने के दौरान लोकल स्तर पर व्यवसाय और कमाई के मौके भी मिलते हैं”। हाल ही में मसूरी में जाॅन अब्रहाम ने अपने प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बन रही फिल्म ‘‘शांतिनाम’’ की शूटिंग पूरी की। इस फिल्म के निर्माता एवं मुख्य अभिनेता जाॅन अब्राहम तथा निर्देशक अभिषेक है। अभिनेता जाॅन अब्राहम ने उत्तराखण्ड में शूटिंग करी अौर उत्तराखण्ड के प्राकृतिक सौन्दर्य की सराहना की अौर कहां कि फिल्मों की शूटिंग के लिये यहां बेहतर माहौल है।

हांलाकि उत्तराखंड फिल्म शूटिंग के लिहाज से तेजी पकड़ चुका है लेकिन अभी भी सरकार की तरफ से ज्यादा से ज्यादा फिल्मकारों को आकर्षित करने के लिये सरकार को काफी बुनियादी कदम उठाने बाकी हैं। इनमें से कुछ हैं   राज्य में फिल्म शूटिंग के लिेये और सुविधाऐं बढ़ाना जिनमें राज्य में हवाई और रेल मार्ग से कन्कटिविटी बढ़ाना सबसे ज़रूरी रहेगा।