जीएसटी लागू होने से इंस्पेक्टर राज खत्म होगा

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जीएसटी लागू होने से इंस्पेक्टर राज पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इस व्यवस्था से आम उपभोक्ता को वस्तुएं सस्ती मिलेंगी। यह जानकारी वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने बिक्री कर मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। हरिद्वार, मसूरी बाइपास पर आयोजित वाणिज्य कर विभाग अधिकारिक व्यावसायिक वेबसाइट जारी कर रहे थे, जिसमें जीएसटी के उपभोक्ताओं के लिए पंजीकरण से लेकर अन्य जानकारियां सरल भाषा में दी गई हैं। वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने इस अवसर पर जीएसटी कॉर्नर फेसबुक पेज तथा ट्वीटर पेज का भी लोकार्पण किया।

इस अवसर पर जो प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे, उनमें राधा रतूड़ी, अमित नेगी, यशपाल आर. राजेश कुमार आदि के नाम शामिल हैं। विभाग द्वारा एक पुस्तिका भी प्रकाशित की गई है, जिसमें पृष्ठ 58 से लेकर 64 तक उन सेवा केन्द्रों की जानकारी दी गई है, जो आम जनता की मदद के लिए हैं। इनमें अधिकारी का नाम जिला, क्षेत्र, विकासखंड तथा उनका सचल दूरभाष केन्द्र नम्बर जारी किया गया है। यह 2022 जीएसटी मित्र हैं,जिन्हें प्रशिक्षित किया गया है। हमारे अधिकारी आठ माह से इस जागरूकता और प्रशिक्षण में लगे हुए हैं।
वित्तमंत्री पंत ने कहा कि जीएसटी में 85 प्रतिशत व्यापारियों ने पंजीकृत करा लिया है और 25 प्रतिशत व्यापारी जीएसटी का संचालन कर रहे हैं। 2500 व्यापारियों को तकनीकी कारणों से आईडी नहीं जारी की जा सकी, जिनको एक माह में जीएसटी जारी कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से पहले जो प्रकरण तीन साल से लंबित थे, उन दो लाख 15 हजार प्रकरणों का निपटारा कर दिया गया है। ई-बिलिंग के माध्यम से व्यवस्था बनाई गई है और सरलीकरण किया जा रहा है। एक्साइज ड्यूटी आधारित पैकेजों के उद्योगों को 58 प्रतिशत पैकेज 2020 तक मिलेगा। इसलिए इन उद्योगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2015-16 में 36 करोड़ का राजस्व था, जो जीएसटी के बाद और बढ़ेगा। मनोरंजन कर के 41 अधिकारियों को भी व्यवस्था में समायोजित किया जाएगा। गुड़ जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थ को मुक्त कर दिया गया है, जबकि जैम, मुरब्बा, अचार, जैली जैसे खाद्य पदार्थों से जीएसटी 18 प्रतिशत के स्थान पर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ और संशोधन करने के लिए जीएसटी कौंसिल से आग्रह किया जाएगा, जबकि कंपाउंडिग की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दी गई है।