सफेद हाथी साबित हो रहा है सचल चिकित्सा वाहन

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प्रदेश सरकारों द्वारा जहां चिकित्सा सुविधाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का दावे किये जाते रहे, वहीं दूसरी ओर जनपद चमोली में आधुनिक चिकत्सा उपकरणों से सुसज्जित करोड़ों रुपये की लागत से संचालित सचल चिकत्सा वाहन पिछले तीन वर्षाें से जिला चिकित्सालय परिसर में धूल फांक रहा है।

जनपद चमोली में चिकित्सा सुविधा को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए तत्कालीन प्रदेश सरकार द्वारा तीन सचल चिकित्सा वाहन आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के साथ उपलब्ध करवायी गई थी। इस वाहन में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मशीन ,पैथालोजी की मशीनों के साथ ही चिकित्सकों की टीम साथ होती थी। यह वाहन सप्ताह में एक बार प्रत्येक विकास खंडों में पहुंच कर अपनी सेवाएं देता था।

क्षेत्र के ग्रामीण इस सेवा का भरपूर लाभ उठा रहे थे। यह सेवा गरीबों के लिए जीवन दायनी साबित हो रही थी,लेकिन अब ये सभी उपकरण जंक खाकर खराब होने की स्थिति में पहुंच गये हैं। किंतु अब तीन साल से अधिक समय से यह वाहन जिला चिकित्सालय के परिसर में खड़े-खडे़ जंक खा रहा है। इसमें रखे उपकरण भी खराब होने के कगार पर हैं।
स्वास्थ्य विभाग वर्ल्ड बैंक के सर इस सेवा को न संचालित करने का ठिकरा फोड़ अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक दीपक खंडूरी का कहना है कि वर्ल्ड बैंक से सहायता से सचल चिकित्सा वाहन संचालित किया जाता है जो की वर्तमान में खराब पड़ा हुआ है, जबकि एनएचएम से संचालित अन्य दो वाहन के लिए अभी टेंडर होने बाकी है।