यूपी-उत्तराखंड परिसंपत्ति मामले में भ्रमित कर रहा सोशल मीडिया: सीएम

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यूपी और उत्तराखंउ के बीच अभी परिसंपत्तियों का बंटवारा नहीं हुआ है, मुख्यमंत्री रावत ने मीडिया अफवाहों पर ध्यान न देने की नसीहत दी है। बता दें कि सोशल मीडिया में यूपी और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं, इनमें उत्तराखंड को नुकसान होने का दावा किया जा रहा है।

सीएम ने मीडिया को बताया कि यूपी के साथ परिसंपत्ति के बंटवारे का अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है। सीएम ने कहा कि ये सब छोटे दलों का राजनीतिक प्रोपेगेंडा है। पिछले कई दिनों से उत्तराखंड क्रांति दल ने भी यूपी से परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर मांग तेज कर दी है।

यूकेडी का दावा है कि यूपी के साथ परिसंपत्तियों का बंटवारा उनका ही दल कर सकता है। इसके साथ ही सोशल मीडिया में यूपी और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें उत्तराखंड को नुकसान होने का दावा किया जा रहा है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया में यह भी दावा किया जा रहा है कि हरिद्वार की मेला क्षेत्र की जमीन पर भी उत्तराखंड को नुकसान हुआ है, इन्हीं सभी खबरों को सीएम ने अफवाह करार दिया है।

यूपी उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार आने के बाद से 16 सालों में परिसंपत्तियों के बंटवारे की उम्मीद जगी है, लेकिन उत्तराखंड के अधिकारियों को उच्च स्तरीय बैठक से पहले सही तरह से होमवर्क करने की बड़ी चुनौती सामने हैं। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले ही सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक कर परिसंपत्तियों के विषय में अपने पक्ष को मजबूत रखने के निर्देश दे चुके हैं। इतना ही नहीं सीएम ने जानकारी जुटाने के लिए सूचना का अधिकार के तहत पूरी जानकारी मांगने को भी कहा हैै। ऐसे में साफ है कि उत्तराखंड के अधिकारियों को अपनी परिसंपत्तियों को पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

बंटवारे में उत्तराखंड को मिलने वाली संपत्तियां
-सिंचाई विभाग को 997 भवन।
-2557.78 हेक्टेयर रिक्त भूमि।
-कुंभ क्षेत्र की 697.578 हेक्टेयर भूमि।
-हरिद्वार की 10 में से 4 नहरें।
-यूएसनगर कि 33 में से 25 नहरों का रखरखाव।
-टीएचडीसी के प्रोजेक्ट पर 25 प्रतिशत सहभागिता।
-कालागढ़ जल विद्युत गृह।
-उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की देनदारी 43.47 करोड़।
-वित्त के अंतर्गत कोषागार एवं उपकोषागारों की वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक 2933.13 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखंड को दिया जाना है।
-उत्तर प्रदेश वन विभाग के अंतर्गत 173.28 करोड़ रुपए उत्तराखंड वन विकास निगम को भुगतान किया जाना है।