एमएलए मनोज रावत की पहल से अाज बिजली की समस्याओं को देखते हुए चंद्रापुरी में 33 KVA के सब स्टेशन को वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है। लगभग 1 साल में यह स्टेशन बन कर तैयार हो जाएगा, इस स्टेशन के बनने से क्योंजा घाटी बसुकेदार तहसील, भीरी व परकंडी क्षेत्र की पावर ड्राप की समस्या और बार-बार विजली जाने की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी।
ये काम रिकॉर्ड 9 दिनों में हुअा। 11 जुलाई 2017 को प्रधान प्रतिनिधि भटवारी सुनार हरीश गुसाईं ने भूमि हेतु अनापत्ति दी, उसी दिन अधिशासी अभियंता मनोज गुसाईं ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट के साथ व्हाटसअप से पत्र भेजकर फ़ाइल एईं दीवान सिंह खाती को भेजा। सभी औपचारिकताओं को पूरी कर फ़ाइल देहरादून लाईं गईं, जंहा एमएलए मनोज रावत ने 19 जुलाई को सीएमङी बी सी के मिश्रा से भेंट कर 20 जुलाई से स्वीकृति करा दी। शायद पहली बार नीचे से पूरी प्रक्रिया शुरू करने के बाद 33KVA का स्टेशन को 9 दिनों प्रशासनिक ओर वित्तीय स्वीकृति मिल पाई हो।
इस पावर स्टेशन से मद्यमहेश्वर गंगा प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली 15 MW बिजली को बांटने का सर्किट तो मिलेगा ही , बची हुई बिजली को श्रीनगर ओर कर्णप्रयाग के 220 KVA स्टेशन जाने के लिए भी तकनीकी रास्ता मिलेगा।
एमएलए मनोज रावत का कहना है कि, ‘आधुनिक समय में जीवन और पर्यटन के लिए विजली बहुत आवश्यक है। मैंने 1 महीना और कामों के साथ विजली की समस्याओं को देने का निश्चय किया है। हम अपने लक्चयों को समय से पहले पूरा कर रहे हैं। ये सब जन प्रतिनिधियो और अधिकारियों के सहयोग के साथ भगवान और लोगों के आशीर्वाद से ही संभव हुअा है।’
अब सोनप्रयाग के 33KVA स्टेशन और रुद्रपुर या आस-पास 220 KVA स्टेशन को भूमि दिलवानी की पहल की है, जिससे केदारनाथ विधानसभा में आने वाले 20 साल तक बिजली की कमी नही होगी। जल्दी ही चोपता-तुंगनाथ, कार्तिक स्वामी आदि स्थानों पर बिजली पंहुचाने का बेङा अौर साथ ही साथ केदारनाथ के लिए अंडर ग्राउंड लाइन का काम भी जल्दी शुरु हो ने वाला हैं। केदारनाथ और गोण्डार के उरेङा पावर हाउस पर भी काम शुरु होगा।