गढ़वाली व कुमाऊनीं बोली के प्रचार-प्रसार के लिए सरकार एक अनूठी पहल शुरू करने जा रही है। उत्तराखण्ड की लोक भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोशल मीडिया पर गढ़वाली, कुमाऊनीं व उत्तराखण्ड की अन्य बोली-भाषा में आम-जन से संवाद स्थापित करेंगे। इसकी शुरुआत गुरुवार को मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर गढ़वाली व कुमाऊनीं बोली में ट्वीट कर की।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार गढ़वाली व कुमाऊनीं बोली को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किए जाने का प्रयास कर रही है। गढ़वाली व कुमाऊनीं बोली को दर्जा दिलाने की मांग पहले भी संसद में भी उठाई जा चुकी है और यह प्रयास जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति, बोली/भाषा से जुड़ाव रखना चाहिए। आज का युवा सोशल मीडिया में अधिक सक्रिय है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में अपनी लोक भाषा गढ़वाली, कुमाऊनीं व उत्तराखण्ड की अन्य बोली भाषा में संवाद करने से युवा पीढ़ी के साथ-साथ भावी पीढ़ी को भी अपनी बोली व संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपेक्षा की है कि वे समय-समय पर सोशल मीडिया पर गढ़वाली, कुमाऊनीं व उत्तराखण्ड की अन्य बोली भाषा में भी उनसे संवाद स्थापित करेंगे।