उत्तराखंड के जंगलों में खोये पर्यटकों को एसडीआरएफ ने ढूँढ निकाला

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नए साल का जश्न मनाने के लिए उत्तराखंड लोगों की पहली पसंद बना चाहे वो फिल्मी सितारें हो या फिर आम आदमी, दुनिया के हर कोने से लोगों ने नए साल की शुरुआत उत्तराखंड के अलग अलग जिलों से की है और ऐसे ही जश्न मनाने आए दिल्ली के कुछ युवा उत्तराखंड के घने जंगलों में खो गए थे उन्हें एनडीआरएफ का टीम ने ढूँढ निकाला है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से लगभग 23 किलोमीटर ट्रेकिंग कर के पहुचने वाला स्थान डोडीताल ट्रेकिंग के लिए युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है।नई दिल्ली से उत्तराखंड के डोडीताल में ट्रेकिंग के लिए आए तीन पर्यटक घने जंगलों में रास्ता भटककर पिछले चार दिनों से इस जंगल में फंसे हुए थे।

सोमवार सुबह इन पर्यटकों के परिजन उत्तरकाशी पहुंचे। शाम करीब तीन बजे इन पर्यटकों का संपर्क परिजनों से हुआ तो एसडीआरएफ ने हेलीकॉप्टर से भी इन्हें खोजने का प्रयास किया। हालांकि, पर्यटकों के फंसे होने के स्थान के बारे में पता नहीं चलने से यह कोशिश सफल नहीं हो पाई। युवकों ने फोन पर अपनी लोकेशन यमुनोत्री के निकट हनुमानचट्टी से 18 किमी दूर जंगल की ओर बताई।

पुलिस अधीक्षक ददन पाल ने बताया कि मंगलवार को फिर खोजने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि जंगल का घन्त्व ज्यादा होने के कारण तथा सही लोकेशन ना मिलने के कारण पर्यटकों को ढूढ़ने में परेशानी हो रही थी।

साउथ दिल्ली ग्रेटर कैलास निवासी श्रेयश श्रीधर, अभिषेक सूद व तपोवृत टूटेजा 26 दिसंबर को उत्तरकाशी से डोडीताल के लिए गए थे। 27 दिसंबर की सुबह परिजनों को फोन पर बताया कि 30 दिसंबर को वे डोडीताल से हनुमान चट्टी के लिए चलेंगे तथा 31 दिसंबर को बड़कोट पहुंच जाएंगे। इस दौरान डोडीताल व आसपास के क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण वे 30 दिसंबर को रास्ता भटक गए।

मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण फोन भी नहीं कर पाए। परिजनों ने सोमवार को उत्तरकाशी पहुंचकर इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी। सोमवार शाम चार बजे एसडीआरएफ की टीम ने खोजबीन शुरू की, लेकिन लोकेशन ट्रेस नहीं होने के कारण सफलता नहीं मिल सकी। श्रेयश के पिता श्रीधर कृष्णमूर्ति ने बताया कि उनके बेटे व अन्य दो साथियों के पास खाने का सामान भी नहीं बचा है और टेंट भी नहीं है। बर्फबारी के बीच वे रात कैसे काट रहे हैं, नहीं पता।