स्वतंत्रता दिवस के लोगों के लिये अलग अलग मायने होते हैं। कुछ लोगों के लिये ये दिन रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी से फुरसत के कुछ पल चुराने का मौका होता है। और अगर ये पल कुछ ज्यादा हो जाये यानि की लोंग वीकेंड तो फिर क्या कहने। कुछ ऐसा ही इस बार 15 अगस्त पर दिख रहा है। सवतंत्रता दिवस के साथ साथ गुरू पूरणिमा और कृष्ण जन्माष्टमी ने लंबी छुट्टियों की लाइन लगा दी है।
लोगों ने भी छुट्टियों के पूरे मजे उठाने के लिये आस पास के पर्यटक स्थलों का रुख कर लिया है। इसी के चलते पहाड़ों की रानी मसूरी में भी पर्यटकों की भारी भीड़ जमा हो गई है। और ये बताने की बात नहीं कि इस भीड़ को झेल न पाने के कारण मसूरी और स्थानीय लोगों का आने वाले कुछ दिन हाल बेहाल रहेगा। शहर में प्रवेश करने के लिये कारों की लंबी लाइन लग गई है। जिसके कारण जगह जगह ट्रैफिक जाम हो रहे हैं। इस जाम से निपटने के लिये ट्रैफिक पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
वहीं आॅफ सीजन में चल रहे होटलों पर भी हाउस फुल के बोर्ड लग गये हैं। इसकी खुशी होटल व्यवसायियों के चेहरों पर साफ दिख रही है। होटल व्यवसायी प्रतीक कर्णवाल का कहना है कि “लोगों के लिये ये वीकेंड अपनों के साथ वक्त बिताने का अच्छा मौका है। इसके लिये हमारे पास जुलाई के महीने से बुकिंग और इंक्वाइरी आ रही थी। होटल व्यापारियों के लिये भी ये आॅफ सीजन में कमाई का अच्छा समय है”
दिल्ली और आसपास के इलाकों में पड़ रही गर्मी और उमस से बचने के लिये मसूरी एक मुफीद जगह बन जाती है। दिल्ली से आये कौशल कुमार कहते हैं कि “कई सालों बाद हमारा पूरा परिवार एक साथ हो सका है।” ऐसा ही कुछ कहना है अरुण पुरोहित का “ये मौका हमारे लिये अच्छा रहा क्योंकि मुझे और मेरी पत्नी को एक साथ छुट्टी मिल गई”
हांलाकि मसूरी के आम लोगों के लिये ऐसे वीकेंड परेशानी का सबब बन जाते हैं। लेकिन शहर की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिये शायद ही उनके पास कौई और विकल्प हो।