देशभर में 15 अगस्त के दिन आजादी का जश्न धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। उत्तराखंड में भारत चीन सीमा पर एक गांव ऐसा भी है ,जहां यह दिन किसी त्योहार से कम नहीं है। उत्तराखंड के चमोली जिले में चीन सीमा से लगी नीती घाटी में स्वतंत्रता दिवस के दिन देशभक्ति का ज्वार अपने चरम पर रहा। लोगों ने घरों में विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यंजन बनाये और नीति से सटे गमसाली गांव की दुंफू धार में एकत्रित होकर तिरंगा फहराया। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर घाटी के नीती, गमसाली, बम्पा, फरख्या, मेहरगांव, कैलाशपुर सहित एक दर्जन गांवों के लोग पांरपरिक परिधानों में सजकर दुंफू धार पहुंचे।इस स्वतंत्रता दिवस पर ये पहला मौका है कि कोई कैबिनेट मंत्री इन सोगों के बीच पहुंचा। चीन सीमा से लगे इस घाटी के लोगों की राष्ट्र भक्ति का सम्मान करने के लिए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने इस आयोजन में हिस्सा लिया।भारत का आखिरी गांव है नीति गांव।राज्यमंत्री धन सिंह रावत ने फहराया तिरंगा।इसके बाद दंफुधार में होने वाले सांस्कृतिक समारोह में होंगे शामिल।इस उत्सव में नीति घाटी के कई गांवों के लोग होंगे शामिल।आपको बतादें कि आजादी के पर्व को लोग यहां त्यौहार के रुप में मनाते हैं।
नीती मलारी गमशाली में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन हर साल भव्य और धार्मिक उत्सव की तरह मनाया जाता है। 15 अगस्त 1947 को जब दिल्ली में लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया गया था उसी दिन सीमांत गांव के लोगों ने भी सामूहिक रूप से तिरंगा फहराया था। गांव वाले बताते हैं कि गांव के बुजुर्गों को देश के स्वतंत्र होने की खबर रेडियो से मिली थी।
भारत-चीन सीमा पर इन दिनों भले ही तनाव का माहौल हो, लेकिन सीमा से सटी नीती घाटी के लोग इन तमाम चिंताओं को दरकिनार कर आजादी का जश्न मनाने में मग्न रहे। खास बात यह कि आजादी के पर्व को मनाने के लिए प्रवासी भी अपने गांवों में लौटे। इन दिनों भी घाटी के गांव प्रवासियों से गुलजार हैं।