केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा योजना एक बार फिर सवालों के घेरे में आ खड़ी हुई है। राशन डीलर एसोसिएशन की मांग के बाद जिला आपूर्ति विभाग ने जिले में बने खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्डों पर जांच बैठा दी है। विभाग ने जांच के लिए दो-दो पूर्ति निरीक्षकों की टीम का गठन किया है, जो अपने से अलग क्षेत्र के राशन कार्डों की जांच करेंगे। जांच करने से पहले विभाग ने उन लोगों से अपने राशन कार्ड सरेंडर करने की अपील की है, जिनके परिवार की मासिक आय 15 हजार रुपये से अधिक है।
दो दिन पहले उत्तराखंड सरकारी गल्ला विक्रेता परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार से मुलाकात की थी। इस दौरान परिषद ने आरोप लगाया था कि जिले के कई राशन डीलरों के पास खाद्य सुरक्षा योजना के फर्जी राशन कार्ड हैं, जिन्हें डीलरों ने पूर्ति निरीक्षकों से सांठगांठ कर बनवाए हैं। परिषद के आरोप के बाद आपूर्ति विभाग हरकत में आता नजर आ रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि कुछ अपात्रों के राशन कार्ड बने हों, इसके लिए विभाग सबसे पहले ऐसे लोगों खुद कार्ड सरेंडर करने की अपील करेगा। यदि इसके बाद भी जो अपात्र लोग कार्ड सरेंडर नहीं करेंगे, विभाग जांच कर उनके कार्ड निरस्त करेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों की भी जांच
शहर के अलावा आपूर्ति विभाग ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्डों की जांच बैठा दी है। हालांकि, पहले शहरी क्षेत्र की जांच पूरी की जाएगी, इसके बाद टीम ग्रामीण क्षेत्र में जुटेगी।
डीलरों में होगा समान कार्ड वितरण
राशन वितरकों की अन्य मांग सभी डीलरों को एक समान कार्ड वितरण की मांग पर भी पूर्ति विभाग विचार कर रहा है। डीएसओ ने बताया कि डीलरों की मांग जायज है। इसके लिए भी योजना तैयार की जा रही है।
एक महीने में जमा करें बैंक खाता
राज्य सरकार के राशन की सब्सिडी बैंक खाते में भेजने के निर्देश के बाद आपूर्ति विभाग ने कसरत शुरू कर दी है। विभाग ने डीलरों की मदद से उपभोक्ताओं के बैंक खाते एकत्रित करना शुरू कर दिया है। विभाग ने एक महीने में बैंक खाते राशन कार्ड से जोडऩे का लक्ष्य रखा है।