देश के सीमांत जनपद पिथौरागढ में आबदा की तबाही थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार बारिश से जहां भूस्खलन हो रहा है वहीं दर्जनभर सडकों पर मलवा आ जाने से मार्ग भी पुरी तरह से बंद हो गये हैं। कहर बनकर टूट रही बारिश से जहां दर्जनों मकान अब तक क्षतिग्रस्त हो गये हैं।हांलाकि मौके पर मौैजूद लोगों के मुताबिक मृतकों की और लापता लोगों की संख्या इससे ज्यादा होने का अंदेशा है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में मवेशियों के भी मारे जाने की सूचना है। इलाके में मौजूद आर्मी और आम लोगों के वाहनों के भी मलबे में दब जाने की खबरें हैं।
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने इलाके का हवाई दौैरा किया।हांलाकि खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री का हेलीकाॅप्टर पूरे इलाके का मुआयना नहीं ककर पाया। इसका साथ साथ जिलाधिकारी पिथौरागढ़ और अन्य अघिकारियों के राहत और बचाव के कामों में तेजी लाने के लिये भी कहा। तहसील धारचूला में कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग में मालपा में बादल फटने से बहा सेना का कैम्प,छह सैनिकों समेत कम से कम 25 लोग मारे गए दो जवान और एक जेसीओ को मलबे से सकुशल निकाल लिया गया है। मालपा नाला उफान में आने से तीन होटल बह गए। साथ ही दर्जनों लोग घायल हैं, घायलों में दो पुलिस के जवान भी शामिल हैं। अब छह लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि मलबे में दिखाई दे रहा एक शव निकाला नहीं जा सका।
बादल फटने की घटना रात्रि 2 बजकर 45 मिनट की है। धारचूला से 8 किमी दूर ऐलागाड से हाइवे बंद है। मांगती और सिमखोला में मोटर पुल क्षतिग्रस्त हो गए। गरबाधार में सेना सहित अन्य वाहन बहने की सूचना है, साथ ही खच्चर भी बह गए हैं। काली नदी का जलस्तर बढ़ गया है, इससे नदी किनारे अलर्ट जारी कर दिया है। धारचूला के मांगती मालपा क्षेत्र में बादल फटने से मची तबाही में मांगती नाले के पास सेना के तीन ट्रक मय सामान के बह गए हैं, चार अन्य वाहन भी गायब है। कुमाऊ बटालियन का एक जवान लापता है। सेना के एक जेसीओ का शव मिल चुका है और एक सिविलियन महिला का शव भी मिला है। एक सिविलियन वृद्धा भी लापता बताई जा रही है। अब तक छह लोगों के शव नाले से निकाले गए हैं। वही, एक शव मलबे में नजर आ रहा है। एक महिला काली नदी पार नेपाल में नजर आई, वह घायल बताई जा रही है। छंकंडे में 50 मीटर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग बह गया है, यह क्षेत्र संचार विहीन है। इस कारण सूचनाएं भी प्रशासन को समय से नहीं मिल पा रही है।
धारचूला तहसील से आगे पांगला से लेकर मालपा तक जगह-जगह भूस्खलन से भारी तबाही मची। यह मार्ग कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग है। तहसील मुख्यालय से एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व दल और पुलिस मालपा को रवाना हो चुकी है। अब मालपा नाले के दूसरी तरफ फिर से लोग बसने लगे और कुछ होटल भी खुल गए। कैलाश मानसरोवर यात्रियों को दिन का भोजन यही पर कराया जाता है। भारत चीन व्यापार में जाने वाले और उच्च हिमालयी गावो के लोग धारचूला आने जाने के दौरान रात्रि विश्राम भी करते है। मालपा स्थान भारत नेपाल सीमा पर मालपा नाले के किनारे है। यहां से काली नदी मात्र 50 मीटर दूर पर बहती है।
1998 और 2006 में भी इस जगह पर आपदा आ चुकी है।आपदा में 3 होटल बह गए। मंगती में दो और सिमखोला में एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ है और ऐलगाड़ में मुख्य मार्ग अवरुद्ध है। इसके अलावा दर्जनों की संख्या में लोग घायल बताये जा रहे हैं मौके पर आपदा प्रबंधन और पुलिस की टीमे मौजूद है। सेना भी मौके पर सहायता करने के लिए पहुची है शासन के आखिरी आदेश तक मानसरोवर यात्रा रोक दी गयी है।
पिथौरागढ़ के धारचूला में भी देर शाम बादल फटने से ढुंगातोली गांव के कई घरों और खेतों में मलबा घुस गया। दहशतजदा 15 परिवारों ने गांव छोड़ दिया है। प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित स्थान में शरण दी है। दूसरी ओर इसी जिले के मदकोट गांव में शनिवार रात बादल फटने से ध्वस्त हुए दो मकानों के मलबे से दो शव अभी तक नहीं निकाले जा सके। हादसे में तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि तीन घायल हो गए। वहीं, कोटद्वार में बरसाती नदी के उफान में दो पुलिया बहने से तीन गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। कोटद्वार में एक सप्ताह में तीसरी बार बादल फटने से ग्रामीणों में घबराए हुए है।