अगस्त महीने के शुरूआत में एक सड़क दुर्घटना में देहरादून में दो महिलाओं की मौत ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी कांग्रेस के बीच “गड्ढा राजनीति” की शुरुआत की है। 6 अगस्त को एक तेल के टैंकर ने दो महिलाओं को तब कुचल दिया था जब वे दोपहिया वाहन से राजपुर रोड पर एक गड्ढे में फंस कर अपना संतुलन खो बैठी।
दुर्घटना के एक दिन बाद, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को राज्य भर में गड्ढे की मरम्मत के लिए निर्देशित किया। विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस मुद्दे के बारे में “गंभीर नहीं” है, क्योंकि शहर भर की सडकों में जगह-जगह गड्ढे हैं जो किसी अनहोनी को ही बुलाते हैं।
कांग्रेस के नेता सूर्यकांत धसमाना ने कहा कि, “अब तक हजारों गड्ढे सड़क पर यूं ही बने हुए हैं कोई मरम्मत कार्य नहीं किया गया है, जो सत्ता में मौजूद बीजेपी सरकार की उदासीनता के बारे में बताता है।” दरअसल धस्माना ने एक कैंपेन का आयोजन किया था जिसमें उन्होंने सड़क पर मौजूद गड्डो कोदिखाया था। धस्माना ने कहा कि “बहुत से स्थानों पर गड्ढों की गहराई 1 से 1.5 फीट तक हैं,जिससे लोगों की जान खतरे में है”। “कई जगहों पर, अधिकारियों ने गड्ढों को भरने के लिए अस्थायी समाधान लगाया है जो या तो बारिश होने से धुल जाते हैं और इससे अधिक नुकसान पहुंचता है।”उन्होंने आगे कहा कि उनका अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों द्वारा गड्ढे की मरम्मत नहीं की जाए।
देहरादून शहर के कांग्रेस प्रमुख पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि, “जिस तरह से सरकार ने दो युवतियों की जान जाने के बाद ही समस्या का समाधान किया, वह केवल दुर्भाग्यपूर्ण नहीं बल्कि बहुत दुख की बात है”। हमने इस मामले को पहले भी हाइलाइट किया था, लेकिन हमारी मांगें केवल एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दी गईं।
हालांकि राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस केवल इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।कौशिक ने कहा कि, “हमने (बीजेपी सरकार) कांग्रेस से क्षतिग्रस्त सड़कों की विरासत (पिछली कांग्रेस सरकार) प्राप्त की और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे अब इस मुद्दे का राजनीति कर रहे हैं।”कौशिक ने कहा कि “हम मामले के बारे में बेहद गंभीर हैं वास्तव में, देहरादून पूरे राज्य की छवि को दर्शाता है और सड़क मरम्मत कार्य को हम अपनी सूची में सबसे ऊपर और सबसे महत्तवपूर्ण कामों में लेते हैं।
आपको बतादें कि पिछले तीन सालों में देहरादून जिले में 1,106 सड़क दुर्घटनाओं में 490 से अधिक लोग मारे गए और 922 लोग घायल हुए हैं।