शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए एक अलग सी पहल में रुद्रप्रयाग जिले के 108 राज्य सरकार के अधिकारियों ने एक-एक गांव को ‘गोद लिया है। अधिकारियों ने बच्चों को खुद पढ़ाने से लेकर,बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए जो भी किया जा सके, उसके योगदान के लिए तत्पर रहेंगे।
इसके अलावा गजट आॅफिसर वित्तीय रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को प्रशिक्षित करने की योजना भी कर रहे हैं। अलग-अलग स्कूलों से कक्षा 5 के छात्रों में से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की पहचान करने के लिए माॅक टेस्ट लिए जाऐंगे और इन टेस्ट में बेहतरीन पर्फामेंस वाले बच्चों को आगे के लिए तैयार किया जाएगा।
रुद्रप्रयाग जिला मजिस्ट्रेट मंगेश घिल्लियाल ने बताया कि, “रुद्रप्रयाग में 500 से अधिक सरकारी स्कूल हैं, जिनमें कुल 5000 छात्र हैं और 108 के अधिकारी बड़ी संख्या में जिले में तैनात हैं। हाल में हिई एक बैठक में, अधिकारियों ने जिले में शिक्षा को सुधारने में योगदान देने का फैसला किया। “
घिल्डियाल ने पहले इस क्षेत्र में आपदा प्रभावित युवाओं को सिविल सर्विस के लिए मुफ्त कोचिंग देने की बात कही थी। बाद में उन्होंने पाया कि राजकुमारी बालिका इंटर कॉलेज, रुद्रप्रयाग में कोई विज्ञान शिक्षक नहीं था, उन्होंने इस मामले पर अपनी पत्नी उषा के साथ चर्चा की, जो अब हर दिन दो घंटे तक छात्रों को पढ़ाती हैं।
इस नई पहल के तहत, अधिकारी हर महीने अपने दत्तक यानि को गोद लिए हुए स्कूलों में दो बार मुलाकात करेंगे। इन यात्राओं के दौरान, वे बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण करेंगे और बच्चों की शिकायतों को सुनेंगे।
घिल्डियाल ने कहा कि, “यहां तक कि इन अधिकारियों के परिवार के सदस्यों ने भी परियोजना में शामिल होने का मन बना लिया है।उन्होंने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी हो रही थी कि अधिकारियों में से एक की बेटी ने हाल ही में अपने पहले वेतन से 5,000 रुपये का अपने पिता को उनके गोद लिए हुए स्कूल के लिए दिया।
सरकारी स्कूलों के कर्मचारियों ने कहा कि ऐसा कदम उन्हें शिक्षा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।रातूरा के सरकारी प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल धरम सिंह रौथाण ने कहा कि, “सरकारी अधिकारियों ने स्कूलों के दौरे से निश्चित रूप से विद्यार्थियों और कर्मचारियों की समस्याएं उनके सामने आ जाऐंगी।