डेंगू एक तरह का बुखार है जिसे डेंगू बुखार/ डेंगू फीवर/और अंग्रेज़ी में Dengue के नाम से जानते है। यह एक वेक्टर विशेष से फैलता है।यह वेक्टर एक विशेष प्रकार की मादा मच्छर है । जिसे एडीज एजिप्टी कहते है। यह मच्छर 25 से 50 मीटर तक उड़ सकती है और एक अनुमान से 8 से 12 दिन तक जीवित रह सकती है।
डेंगू वायरस की चार प्रजातियां पाई जाती है जो कि आपस में बहुत समान है।डीईएन-1,डीईएन-2,डीईएन-3,डीईएन-4 जिसमे से डीईएन-1,3 ज्यादा खतरनाक होते हैं।
डेंगू के प्रकार:
- क्लासिकल डेंगू बुखार
- डेंगू हीमोरेजिक फीवर
- डेंगू शाॅक सिंड्रम
डेंगू के लक्षण:
डेंगू बुखार के लक्षण संक्रमण होने के 3 से 14 दिनों के बाद ही दिखते है। लक्ष्ण कूछ इस प्रकार के होते है :
- ब्लड प्रेसर का सामान्य से बहुत कम होना
- तीव्र ज्वर
- खून में प्लेटलेट की संख्या का कम होना
- उल्टी जैसा लगना व उल्टी का हो जाना
- आँखों में लालिमा का होना
- शरीर पर लाल गुलाबी चकते पड़ना
- सिर व शरीर में तीव्र शूल
- अरुचि, थकावट इत्यादि।
डेंगू से बचाव:
- घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने दे
- घर में मच्छर भागने हेतु कॉइल, स्प्रे इत्यादि का निरंतर प्रयोग करें
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे
- अगर पांच दिन से अधिक बुखार हो तो चिकित्सक से परामर्श ले
डेंगू से बचने के लिए घरेलू उपाय:
- गिलोय: ये आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है
- पपीते के पत्ते: इनका रस प्लेटेलेट को बढ़ाता है
- हल्दी: यह दर्द को घटाता है तथा मेटाबोलिज्म अच्छा रखता है
चेतावनी:
- डेंगू के सीजन में यदि किसी को भी बुखार है तो एसपिरीन का सेवन बिल्कुल न करें।
- किसी भी तरह के बुखार में सबसे सेफ पैरासिटामाॅल का प्रयोग करना है।
- डॉक्टर/ वैद्य की परामर्श जरूर ले।