कहते हैं शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है लेकिन यह बात सरकारी स्कूलों की दीवारों पर लिखी हुई ही अच्छी लगती है लेकिन प्राथमिक शिक्षा के बाजारीकरण ने आज शिक्षा को सिर्फ एक विशेष वर्ग की पहुंच तक सीमित कर दिया है। निचले वर्ग के लिए सरकारी स्कूल की एक मात्र साधन रह गए हैं जिनकी दुर्दशा किसी से नहीं छुपी है, ऐसे में स्लम एरिया के बच्चों के लिए अंग्रेजी और कंप्यूटर कि शिक्षा के सपनों को साकार करने के लिए ऋषिकेश के युवा डॉक्टर राजे नेगी ने 2015 में 35 बच्चों के साथ ऋषिकेश मैं उड़ान स्कूल की कल्पना को साकार कर दिया हैं।
स्लम एरिया के बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ बोली भाषा के स्कूल की शुरुआत की जिसमें ₹1 रोज या फिर 1 किलो रद्दी महीने में घरों से इकट्ठे कर बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जाता है। डॉक्टर राजे नेगी के अनुसार, “उनके परिवार में शिक्षा का माहौल शुरु से रहा, एक सपना था एक ऐसा स्कूल खोलना जो अपनी विशेष तरह की शिक्षा के लिए जाना चाहिए और ऐसा स्कूल बने जो शिक्षा और उत्तराखंड की संस्कृति के साथ-साथ नई पीढ़ी को संस्कार भी दे सके।”
इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ₹1रोजाना का या फिर 1 किलो रद्दी महीने भर की फीस के रूप में लिया जाता है, जो बच्चे पैसा नहीं दे सकते वह अख़बार की 1 किलो रद्दी स्कूल में जमा करा सकता है। समय-समय पर यहां उत्तराखंड की सेलिब्रिटी आकर बच्चों के साथ समय बिताती हैं और इनके शिक्षा में योगदान करती हैं। वही यहां पढ़ने वाले बच्चों को समय समय पर आने वाले देशी विदेशी अतिथियों के साथ समय बिताकर नई तरह की शिक्षा और संस्कृति का अनुभव सांझा करने का मौका मिलता है।
डॉक्टर नेगी का यह प्रयास है कि बच्चों को उत्तराखंड की बोली भाषा भी सिखाया जाए जिससे आगे चलने पर इन बच्चों को पहाड़ी संस्कृति से रूबरू होने का अनुभव मिलता रहे।