टिहरी बांध में परियोजनाओं की श्रृंखला

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    टिहरी बांध अकेले ही नहीं वरन बांधों का एक समूह, जिसमें कई परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। उत्तराखंड में ही मनेरी भाली फेज-1, फेज-2, टिहरी बांध, कोटेश्वर बांध जैसी योजनाओं का समूह है, जिसे टिहरी बांध का ही उपांग माना जा सकता है।

    टिहरी बांध परियोजना ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। टिहरी बांध परियोजना भागरथी नदी पर एक हजार मेगावाट की, अलकनंदा पर 444 मेगावाट की, धौलीगंगा पर 108 मेगावाट की, धौलीगंगा 2 में 65 मेगावाट की, धौलीगंगा 3 में 303 मेगावाट की, विराही गंगा में 50 मेगावाट की, जाड़ गंगा में 140 मेगावाट की, जाड़गंगा-6 में 50 मेगावाट की परियोजनाओं को महाआकार देने जा रही है, जो पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र प्रदान करेगा। कोटेश्वर हाइड्रो परियोजना 400 मेगावाट की परियोजना है, जो भागीरथी में ही संचालित हो रही है। इसी प्रकार पम्प स्टोरेज प्लांट के माध्यम से एक हजार मेगावाट का उत्पादन और किया जाएगा। आंकड़े बताते हैं कि इन परियोजनाओं से बिजली तो मिलती है ही, बाढ़ नियंत्रण का कार्य भी अच्छा खासा होता है, जो परियोजना के लाभों में से एक है।
    टीएचडीसी के प्रचार विभाग के अधिकारी गौरव कुमार का कहना है कि टिहरी पीएसपी में भागीरथी नदी के बाएं किनारे पर प्रत्येक 250 मेगावाट यूनिट की 4 रिवर्सीबल पम्प टरबाइन सहित एक भूमिगत मशीन हाल का निर्माण सम्मिलित है। परियोजना में मुख्य विशेषता अधिकतम एवं न्यूनतम शीर्ष के बीच लगभग 90 मीटर का विशाल शीर्ष परिवर्तन है। जिसमें रिवर्सीबल यूनिटें परिचालित होंगी।
    टिहरी पम्प स्टोरेज संयंत्र का प्रचालन ऊपरी जलाशय ऊपरी जलाशय तथा कोटेश्वर जलाशय निचले संतुलक जलाशय के रूप में कार्य करेंगे। परियोजना उत्तरी क्षेत्र के 1288 मि.यू. की वार्षिक की वार्षिक उत्पादन के साथ 100 मेगावाट की पीकिंग पावर उपलब्ध कराएगी। परियोजना के प्रमुख कार्य एकल ईपीसी संविदा के जरिए निष्पादित कराए जा रहे हैं। परियोजना पर कार्य 27 जुलाई 2011 से शुरू हो गया था। परियोजना 2019-20 में कमीशन की जानी निर्धारित है। बांध परियोजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है।
    टिहरी बांध को इसकी अद्वितीय परिकल्पना और निर्माण विशेषताओं पर विचार करते हुए चीन में अक्तूबर 2009 में इंटरनेशनल कमीशन ऑफ लार्ज डैम का अन्तर्राष्ट्रीय माइलस्टोन परियोजना को प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया है।
    कोटेश्वर एचईपी को 2011-2012 के लिए लंबी अवधि की परियोजनाओं की श्रेणी में पीएमआई इंडिया बेस्ट प्रोजेक्ट अवार्ड प्रदान किया गया है। कोटेश्वर परियोजना को इस श्रेणी में सभी क्षेत्रों में 70 से भी अधिक आवेदनों में से सर्वश्रेष्ठ निर्माण परियोजना की श्रेणी में विजेता चुना गया।
    टीएचडीसी को मई 2012 में केन्द्रीय विद्युत मंत्री द्वारा बेस्ट परफॉरमिंग जनरेशन कंपनी की श्रेणी में पावर लाइन अवार्ड अप्रैल 2012 में कारपोरेट सामाजिक जवाबदेही एवं उत्तरदायित्व के लिए स्कोप का प्रतिष्ठित अवार्ड तथा सार्वजनिक क्षेत्र प्रबंधन हेतु 2013-2014 के लिए स्कोप गोल्ड ट्राफी प्रदान किया गया है।