डर के साये में सरपाणी गांव के 120 परिवार जीने को मजबूर

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चमोली जिले के विकास खंड घाट के सरपाणी गांव के 120 परिवार डर के साये में जीने को मजबूर है। 2006 की आपदा के दौरान से हो रहे गांव के नीचले हिस्से से भूस्खलन के पूरा गांव इसकी जद में है। लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा गांव के पुर्नवास नहीं किया गया है।

2006 में आपदा के समय सरपाणी गांव के नीचे से भूधसाव शुरू हो गया था जो वर्तमान तक जारी है। अब तक इस भूधसाव के कारण ग्रामीणों केी डेढ़ सौ नाली से अधिक काश्तकारी की भूमि नष्ट हो चुकी है। यही नहीं जिन भवनों पर ग्रामीण रह रहे वे उन पर भी दरारे पड़ी हुई है। 2013 में जब फिर से आपदा आयी थी तो ग्रामीणों ने आंदोलन कर इस गांव का भूगर्भीय सर्वे करवाने की मांग की थी। भूगर्भीय सर्वे में इस गांव के पुर्नवास का सुझाव दिया गया है लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पायी है। गांव के दिगंबर सिंह, लक्ष्मण सिंह, अमर सिंह, चरण सिंह, बलवंत सिंह का कहना है कि इस संबंध में कई बार जिला प्रशासन से मांग की जा चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है। इधर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी का कहना है कि सरपाणी गांव पुर्नवास की श्रेणी में रखा गया है। सूची शासन को भेजी गई है। प्राथमिकता के आधार पर गांव को पुर्नवास किया जाएगा।