पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को मिले उप्र के समान लाभ

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मंगलवार को राजकीय इंटर कालेज सेलाकुई के स्वच्छता पखवाड़ा समारोह में शिरकत करने आए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के सामने राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों ने उत्तर प्रदेश के समान देयकों का लाभ देने की मांग रखी।

शिक्षकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय व राज्य सरकार से पुरस्कृत शिक्षकों को कई लाभ दिए जा रहे हैं जबकि उत्तराखंड में शिक्षकों को इससे वंचित किया गया है, जिससे शिक्षकों में निराशा है।
शिक्षकों ने प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री को बताया कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय व राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को सेवा विस्तार अवधि का लाभ पेंशन निर्धारण में भी दिया जाता है जबकि उत्तराखंड सरकार ने शिक्षकों को इससे वंचित रखा है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने पुरस्कृत शिक्षकों के सेवा विस्तार की अवधि तीन वर्ष कर दी है और उत्तराखंड में यह अवधि अभी दो वर्ष ही है।
उप्र में पुरस्कृत शिक्षकों को पुरस्कार प्राप्ति वर्ष से वैयक्तिक वेतन के रूप में एक वेतन वृद्धि शेष कार्यकाल के दे रहा है। यहां इस लाभ से शिक्षकों को वंचित रखा गया है। उप्र में पुरस्कृत शिक्षकों को राज्य परिवहन निगम की बसों में चार हजार किमी तक निश्शुल्क यात्रा की सुविधा मिली हुई है जबकि उत्तराखंड में ऐसी कोई भी सुविधा शिक्षकों को नहीं दी जा रही है।
पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड के शिक्षकों को भी लाभ दिए जाने की मांग की है। शिक्षा मंत्री से मिलने वालो में प्रदीप डबराल, रविंद्र सैनी, बेनी प्रसाद पुष्पकार, जेपी जगूड़ी आदि शामिल रहे।