किडनी कांड रैकेट में एक्स-रे करने वाला आरोपी गिरफ्तार

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गंगोत्री चैरिटेबिल ट्रस्ट, लाल तप्पड़, डोईवाला में बहुचर्चित किडनी कांड से सम्बन्धित अभियुक्त डॉ. अमित, राजीव चौधरी व अन्य व्यक्तियों को पुलिस द्वारा पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।  विवेचना व अन्य अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान श्रीनिवास चौहान पुत्र श्यामलाल चौहान नि. म.नं. 394/210, गली नं.6, चन्द्रेश्वरनगर, चन्द्रभागा ऋषिकेश, देहरादून का नाम भी प्रकाश में आया। श्रीनिवास, गंगोत्री हास्पिटल में ऐक्सरे का कार्य करता था। अभियुक्त श्रीनिवास घटना के बाद से ही लगातार फरार था।

अभियुक्त श्रीनिवास की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशन, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण महोदय व सहायक पुलिस अधीक्षक महोदय ऋषिकेश के पर्यवेक्षण में वरिष्ठ उपनिरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश हेमंत खंडूरी के नेतृत्व में टीम गठित की गयी।  दिनांक 19.09.17 को गठित पुलिस टीम को सूचना मिली कि अभियुक्त श्रीनिवास ऋषिकेश छोड़कर कंही भागने की फिराक में है। इस सूचना पर गठित पुलिस टीम द्वारा दिनांक 19.09.17 को समय लगभग 21.35 बजे चन्द्रभागा पुल के पास से अभियुक्त श्रीनिवास चौहान को गिरफ्तार किया गया।

श्रीनिवास ने पूछताछ पर बताया कि, “मैं गंगोत्री चैरिटेबिल अस्पताल लालतप्पड़ में जनवरी 2017 से कार्य कर रहा हॅूं। मुझे राजीव चौधरी ने यहां काम पर रखा था। राजीव चौधरी व उसकी पत्नी अनुपमा इस चैरिटेबल अस्पताल का संचालन करते थे व डॉक्टर अमित व उनका पुत्र डॉ. अक्षय व डॉ. अमित का भाई जीवन व डॉ. संजय दास एरेस्थिसियन व डॉ. संजयदास की पत्नी सुशमा (गायनोसर्जन) बाहर से किडनी बदलने का ऑपरेशन करने आते थे व सोनू डायलिसिस का काम करता था।” दीपक, सरला व सरिता नर्स का काम करते थे, यह सब ऑपरेशन के दौरान जरूरत की चीजों को डॉक्टरों को उपलब्ध कराते थे। मैं, मरीजों का एक्सरे करता था व ऑपरेशन के दौरान डाक्टरों के कहे अनुसार काम करता था।

हम सबको पता था कि डाक्टर अमित व यह सब लोग गलत तरीके से किडनिया बदलने का काम यहां करते हैं। इसलिये राजीव चौधरी, डॉ. अमित व इनके सहयोगियों ने हमे किसी भी मरीज के बारे में व हास्पिटल की गतिविधियों के बारे में बाहर किसी आदमी को बताने को मना किया था।

हास्पिटल में मरीजों का लेखा जोखा भी सही प्रकार से नही रखा जाता था हमें मरीजों का नाम ही पता होता था। हास्पिटल में जो गार्ड थे, वे डॉ0 अमित के जान पहचान वाले थे। यह व राजीव चौधरी की अनुमति के बिना किसी को अस्पताल में अन्दर नही आने देते थे। श्रीनिवास के कब्जे से गंगोत्री हास्पिटल लालतप्पड़ में किडनी बदलने सम्बन्धी मरीजों के कई टैस्ट रिपोर्ट, एक्सरे बरामद हुये।