हरिद्वार। बड़ा अखाड़ा के कोठारी महंत मोहनदास के रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब होने के पीछे एसटीएफ और पुलिस के शक की सुई बार-बार संपत्ति विवाद की तरफ घूम रही है। दरअसल, कनखल में बड़ा अखाड़े की संपत्तियों पर पिछले कुछ सालों में बड़े पैमाने पर फ्लैट का निर्माण किया गया। निर्माण को लेकर अखाड़े पर कुछ देनदारी बकाया है। वहीं, पड़ताल में यह भी सामने आया है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी एक कांग्रेस नेता को उपहार स्वरूप फ्लैट दिया गया था। यह उपहार महंत ने क्यों दिया और ऐसे कौन-कौन लोग महंत की कृपा पात्रों की सूची में है, इसकी जानकारी भी एसटीएफ जुटा रही है।
महंत मोहनदास का अचानक गायब होना तमाम तरह के सवाल खड़े कर रहा है। संत पहले दिन से अपहरण जैसी अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। सवाल यह है कि संत के साथ कोई ऐसा क्यों करेगा। संत होने के नाते परिवार न होने पर पारिवारिक रंजिश जैसी बात असंभव है। अखाड़े की बेशुमार संपत्ति की तरफ बार-बार पुलिस के शक की सुई घूम रही है। कनखल में सामान्य चर्चा है कि महंत मोहनदास ने कई साधारण पृष्टभूमि वाले लोगों को फर्श से अर्श पर पहुंचाया। जांच कर रही एसटीएफ और पुलिस के लिए यह जानना जरूरी हो गया है। खोजबीन में पता चला है कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय ही कनखल में बिल्डरों ने बड़ा अखाड़ा की भूमि पर फ्लैट का निर्माण कराया। सूत्र बताते हैं कि फ्लैट निर्माण से जुड़ा कार्य कराने के लिए महंत मोहनदास ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी एक स्थानीय कांग्रेस नेता को उपहार में एक फ्लैट भी दिया था। एक बड़े कार्यक्रम का खर्च उठाने की बात भी सामने आ रही है। संपत्ति के एंगल को खंगाल रही एसटीएफ और पुलिस के हाथ कई चौंकाने वाली जानकारियां लगी हैं। अखाड़े की सपंत्ति अरबों में बताई जाती है लेकिन करोड़ों का लेनदेन संभालने वाले कोठारी महंत मोहनदास के चार पांच खातों को मिलाकर कुछ हजार की नगदी है। जांच में यह भी सामने आया है कि मुंबई के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने 40 हजार रुपये एटीएम से निकाले थे। हरिद्वार से रवाना होने पर उनके पास छह से सात लाख रुपये की नगदी होने की बात भी सामने आ रही है। हालांकि, अखाड़े के संत उनके पास नगदी होने की बात से इन्कार कर रहे हैं लेकिन सवाल यह है कि यदि महंत के पास नगदी नहीं थी और उनके बैंक खाते भी खाली हैं तो वह मुंबई जैसे शहर के बड़े हॉस्पिटल में इलाज कराने कैसे जा रहे थे।
दूसरी बात यह है कि खातों में कम नगदी होने की जानकारी के बावजूद महंत ने देनदारी के लिए चेक क्यों बांटे और उधारी का तकादा करने के लिए लोग महंत मोहनदास के सामने पहले कभी अखाड़े में क्यों नहीं आए। महंत की गुमशुदगी में शहर के एक बड़े होटल के मालिक व रत्न कारोबारी पर भी पुलिस की नजर है। यह कारोबारी व्यवसाय में महंत मोहनदास के साथ रहे हैं। व्यवसाय में निवेश करने की बात भी सामने आ रही है। एसटीएफ इस मामले में कभी भी कारोबारी से पूछताछ कर सकती है। इसके साथ ही एक विदेशी महिला का नाम अचानक ही सुर्खियों में आया है। बताया गया है कि महिला कई बार महंत मोहनदास से मिल चुकी है। गायब होने के कुछ दिन पहले भी महिला ने महंत मोहनदास से मुलाकात की थी। जांच में जुटी पुलिस और एसटीएम विदेशी महिला की कुंडली जुटा रही हैं। इसके लिए महंत मोहनदास के चारों फेसबुक अकाउंट से भी जानकारी ली जा रही है। पुलिस अगले दो दिन में बड़ा खुलासा कर सकती है। हालांकि संतों की लगातार नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत मंगलवार को हरिद्वार आ रहे हैं। सीबीआई जांच की सुगबुगाहट संतों के बीच उठने लगी है। कुछ संत मुख्यमंत्री के आने पर सीबीआइ जांच की संस्तुति करने की मांग उठाने की रणनीति भी बना चुके हैं। वहीं पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अधिकारी अगले दो दिन में महंत की गुमशुदगी की गुत्थी खोल सकते हैं। इस बारे में जानकारी जुटाकर ही मुख्यमंत्री हरिद्वार आ रहे हैं।