विकासनगर, उत्तराखंड की सीमांत बस्ती कुल्हाल में यमुना नदी किनारे हर रोज हजारों लोग खुले में शौच कर प्रदूषित कर रहे हैं। इसके बावजूद शासन-प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। स्थानीय बाशिंदे मो. इस्लाम ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर यमुना को यमुना को खुले में शौच मुक्त कर प्रदूषण से बचाने की गुहार लगाई है।
सीएम को प्रेषित ज्ञापन में कहा गया है कि, “उत्तराखंड की सीमांत बस्ती कुल्हाल में हजारों प्रवासी मजदूर रहते हैं जो दैनिक मजदूरी के लिए पछवादून के कस्बों के साथ ही पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के पांवटा शहर सहित अन्य कस्बों में जाते हैं। यहां इन प्रवासी मजदूरों को स्थानीय लोगों ने आवास तो मुहैया कराए हैं ,लेकिन शौचालय की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है। जिससे हर रोज मजदूर व उनके परिवार के सदस्य यमुना किनारे खुले में शौच जाने का मजबूर हैं।”
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि जिन लोगों ने मजदूरों को बिना शौचालय के आवास मुहैया कराए हैं, उन्हें शौचालय मुहैया कराने के लिए प्रशासन की ओर से निर्देशित किया जाना चाहिए। मजदूरों से आवास का किराया लेने के बावजूद उन्हें शौचालय की सुविधा नहीं देकर पर्यावरण को प्रदूषित किया जा रहा है।
सीएम से मांग की गई है कि स्थानीय प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर कुल्हाल बस्ती में मोबाइल शौचालय मुहैया कराने के साथ ही मजदूरों को स्थाई शौचालय सुविधा मुहैया कराने के लिए उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं। जिससे कि यमुना को खुले में शौच मुक्त कर प्रदूषण से बचाया जा सके।