धरती पर प्रकृतिक सौंदर्य का प्रारूप मसूरी की विंटरलाइन शुरु

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    सुधांशु रावत

    मसूरी को एक बार फिर रानी का दर्जा देने वाली प्राकृतिक विंटरलाईन इस वर्ष में पहली बार बीते शुक्रवार शाम को दिखाई दी।लाखों का मन मोहने वाली ये विंटरलाईन अब से लकेर 3-4 महीनों तक अपना जादू बिखेरेगी।

    इस साल अक्टूबर के दूसरे हफ्ते ही यह अद्भुत रेखा सभी को अपनी ओर आर्कषित करने लगी। जैसे ही सर्दियां दस्तक देती है, विंटरलाईन सभी रंगों में कभी नारंगी,गुलाबी,लैवेंडर, हल्का बैंगनी तो कभी गहरा लाल रंग से मसूरी को भर देती है अौर हर कोई ढलते हुए सूरज के सामने, हाथ में एक र्स्माट फोन लिये, इस पल को कैमरे में कैद करने के लिए तैयार रहता है।   

    winterline

    मसूरी के नीचे पश्चिम की ओर देहरादून की फैली हुई वादियों की छटा हर तरफ फैली हुई है-विंटरलाईन और उसके ऊपर गिर्डल आफ वीनस है। प्रसिद्ध लेखक गणेश शैली बताते हैं कि, “हमसे हमेशा यह पूछा जाता है कि तुम मसूरी वाले विंटरलाइन के बारे में हमेशा कैसे बोल सकते हो, और मैं हमेशा यही कहता हूं कि विंटर लाईन के लिए कुछ विशेष माहौल होना ज़रूरी है।मसूरी, दून वैली से 6000 फीट ऊपर हैं और दून का तापमान जल्दी-जल्दी बदलता रहता है।डस्ट, नमीं, धूल, कोहरा सब एक साथ एक लाईन में आकाश मे नजर आते है और साथ में ढ़लता हुआ सूरज विंटरलाईन को जन्म देता है।”

    मसूरी के अलावा यह दृश्य दक्षिणी हेमिस्फेयर-केप टाउन मे देखने को मिलता है। अगली बार जब आप मसूरी का रुख करे, तो निराश न हो, इस स्वागिक और अद्भभुत कुदरत की देन को देखने के लिये अाप अपने को कतार में पायेंगे, अाप जैसे हजारों पर्यटक हर शाम माल रोङ या फिर लाल टिब्बा अाते है सिर्फ मसूरी की मशहूर विंटरलाईन को कैमरे में कैद करने के लिये।